दिल्ली. भारतीय सेना ने पाकिस्तान सीमा पर शनिवार को एक अनोखा कारनामा किया. यह कारनामा न तो युद्ध से जुड़ा था और ना ही इसमें सेना की सीधी भागीदारी थी बल्कि सेना ने भारतीय तिरंगे के साथ एक नया इतिहास रचने का काम किया. भारतीय सेना की ओर से 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है. इस बार के सेना दिवस को खास बनाने के लिए भारतीय सेना ने दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित करने का गौरव हासिल किया.
राजस्थान में जैसलमेर के पास भारत-पाकिस्तान सीमा पर 'खादी' से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया गया. यह तिरंगा 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा था। पाकिस्तान सीमा से कुछ किलोमीटर पहले भारतीय क्षेत्र में विशेष तरीके से इस तिरंगे का प्रदर्शन किया. तिरंगे की खासियत रही कि यह पूरी तरह से खादी से बना है. दुनिया में खादी से बना यह अपने आप में एक मात्र इतना बड़ा तिरंगा है.
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित लोंगेवाला में यह विशालकाय तिरंगा प्रदर्शित किया जाएगा. लोंगेवाला सीमा चौकी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक ऐतिहासिक जंग की गवाह रही है. राजस्थान के जैसलमेर जिले में सेना युद्ध संग्रहालय के पास पहाड़ी की चोटी पर इसे फहराया गया है. 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा झंडे का वजन लगभग 1,400 किलोग्राम है. झंडा खादी ग्रामोद्योग ने बनाया है। झंडे को लगाने के लिए दर्जनों मजदूर और जेसीबी मशीनें काम में लगाई गई. बताया जा रहा है कि झंडा लगभग 37,500 वर्ग फुट एरिया में फैला है.
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के बयान के मुताबिक, खादी से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज सेना दिवस के अवसर पर जैसलमेर में स्थित सीमा चौकी पर प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि 225 फुट लंबे, 150 फुट चौड़े और करीब 1,400 किलोग्राम वजन वाले इस विशालकाय तिरंगे को प्रदर्शित करने का यह पांचवां सार्वजनिक प्रदर्शन होगा.
दुनिया का सबसे बड़ा खादी झंडा
माना जा रहा है कि झंडा रोहण के इस आयोजन को देखने के लिए कई पर्यटकों के जैसलमेर शहर आने की उम्मीद है. गौरतलब है कि इससे पहले 2 अक्टूबर, 2021 को महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के अवसर पर लद्दाख के लेह में खादी के कपड़े से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था जिसका वजन 1400 किलो था और 225 फुट लंबा व 150 फुट चौड़ा था। इस दौरान लेह के उप-राज्यपाल आरके माथुर और सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवने भी उपस्थित रहे थे.