मुजफ्फरपुर जिले में भगवान भी अब सुरक्षित नहीं रह गए है. आस्था के मंदिर पर चोरों ने अपना हाथ साफ कर दिया. मंदिर में स्थापित करोड़ों रुपये की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी कर ली गई हैं. यह घटना बरियारपुर थाना क्षेत्र बरियारपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थित राम जानकी मंदिर का है.जहां से शनिवार को अष्टधातु की कीमती मूर्ति चोरी हो गई.
वही इस बात की भनक जैसे ही ग्रामीणों को लगी ग्रामीणों ने मंदिर के पुजारी सहित दो लोगो को पकड़ लिया और बरियारपुर थाना के पुलिस के हवाले कर दिया है .वहीं स्थानीय सूत्रों की माने तो ग्रामीणों द्वारा दोनों की जमकर पिटाई की बात भी सामने आ रही है.
बरियारपुर थाना क्षेत्र के लोहरगामा गांव का है जहां शनिवार को एक राम जानकी मंदिर से अष्टधातु से बने राम लक्ष्मण भगवान की मूर्ति की चोरी हो गई. वही शनिवार के शाम पूजा के दौरान जब मूर्ति चौरी की भनक ग्रामीणों को लगी जिसके बाद देखते ही देखते ग्रामीण का गुस्सा फुट पड़ा. जिसके बाद ग्रामीणों ने मंदिर के पुजारी सहित दो लोगो को पकड़ जमकर पिटाई कर दी .
वही मामले की सुचना प्राप्त होते ही बरियारपुर थाना अध्यक्ष चांदनी सांवरिया दल बल के साथ मौके पर पहुंची और किसी तरह ग्रामीणों के चंगुल से दोनों को अपने कब्जे में ले लिया और थाना ले आई वही ग्रामीणों द्वारा मूर्ति चोरी का आरोप मंदिर के पुजारी सहित दो लोगो पर लगाया गया है.
मामले में बरियारपुर थाना अध्यक्ष चांदनी सांवरिया ने बताया कि शनिवार की देर रात ग्रामीणों द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना क्षेत्र के लोहरगामा गांव में स्थित एक राम जानकी मंदिर से राम लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई है, जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा मंदिर के पूजारी सहित दो लोगो को पकड़ लिया गया है, वही सुचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंच कर दोनो को पुछताछ के लिए थाना लाया गया है और दोनो से पुछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है .
ग्रामीण राम हिलास राय ने बताया कि शनिवार को लोहरगामां स्थित राम जानकी मंदिर से राम लक्ष्मण जी की मूर्ति चोरी हो गई है वहीं उन्होंने बताया कि शनिवार के संध्या पूजा से पहले मंदिर पर मंदिर के पुजारी उमेश भगत और उनके एक अन्य सहयोगी जो मूल रूप से बाजी गांव के रहने वाले रामसेवक भगत थे उनको मंदिर पर देखा गया था जिसके कुछ देर के बाद बाजी गांव के रहने वाले रामसेवक भगत वहां से चले गए वही जब शनिवार की देर शाम पूजा के लिए मंदिर को खोला गया तो मंदिर में मूर्ति नहीं थी जिसके बाद मामले की सुचना ग्रामीणो को मिली जिसके बाद मंदिर के पुजारी जो मूल रुप से कटेशर गांव के रहने वाले उमेश भगत और उनके एक सहयोगी जो मूल रुप से बाजी गांव के रहने वाले राम सेवक भगत को पकड़ पुलिस के हवाले किया गया है.
रिर्पोट- मणि भूषण शर्मा