BHAGALPUR: बिहार के नवगछिया पुलिस जिला से 15 किलोमीटर दूर गोपालपुर प्रखंड के सैदपुर गांव में पिछले 400 वर्षो से बजरंगबली का मंदिर स्थापित है। यह मंदिर गंगा तट पर अवस्थित है। इनकी पूजा अर्चना अलग तरीके से होती हैं। यहां पूरे गांव के लोग अपने घर पर धाजा नहीं देते हैं बल्कि पूरे ग्रामीण लोग मंदिर में ही पिंडी पर ही अपनी धाजा देते हैं।
जब पिंडी पर धाजा भड़ जाती है तो बहरजात्रा करके पूरे गांव के ब्राह्मण के द्वारा इनकी पूजा अर्चना करके सभी धाजा को हटाया जाता है। साथ ही साथ सभी पंडितों को उसी पिंडी के चबूतरे पर भगवान का प्रसाद के रूप में दही चूड़ा खिलाया जाता है।
जानकार बताते हैं कि इनका इतिहास बहुत लंबा है। यहां आज से 400 साल पूर्व एक पीपल के पेड़ पर दो काला कौआ बैठा था और आपस में बात कर रहा था कि यह स्थान दो शक्ति पीठ का स्थान है। जहां एक तरफ बजरंगबली और महाकाली का शक्ति पीठ है। वहीं इधर से नागा बाबा और डम्बर गिरी महंत इधर से गुजर रहे थे। इनदोनों महात्माओं ने पछियों के बात को समझ गए।
जब वो दोनों इनकी बात सुने तो अपने में बात किए की यह शक्ति पीठ है। उसी समय से दोनों महात्मा के द्वारा यहां मंदिर का स्थापना किया गया। यहां सहजानंद सरस्वती भी यहां आके पूजा अर्चना भी किए थे। इस मंदिर में देश ही नहीं बल्कि यहां विदेश जैसे इंग्लैंड,अमेरिका मोरेसियस आदि से भी लोगों आते हैं। यहां सबकी मुरादे पूरी होती है। पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ की आती है।
भागलपुर से बालमुकुंद कुमार की रिपोर्ट