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ऊर्जा क्षेत्र में हर स्तर पर कौशल क्षमता में वृद्धि करने की जरूरत, कार्यक्रम में सीएमडी संजीव हंस ने कहा - चुनौतियों के समाधान के लिए पॉलिसी को समझना जरुरी

ऊर्जा क्षेत्र  में हर स्तर पर कौशल क्षमता में वृद्धि करने की जरूरत, कार्यक्रम में सीएमडी संजीव हंस ने कहा - चुनौतियों के समाधान के लिए पॉलिसी को समझना जरुरी

PATNA :  बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड एवं उसकी अनुषंगी कंपनियों के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों के कौशल विकास के लिए एनर्जी लॉ & पॉलिसीज एवं कॉन्ट्रैक्ट लॉ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। उक्त कार्यक्रम बिहार ऊर्जा दक्षता दृढ़ता योग्यता कार्यक्रम (BSPHCL BUDDY Initiative) के अंतर्गत की जा रही है। कार्यक्रम में बीएसपीएचसीएल में उसकी अनुषंगी कंपनियों के अधिकारियों के अलावा  एसके सिंघल, रिटायर्ड डीजीपी, सिक्योरिटी एडवाइजर, बीएसपीएचसीएल भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को हर स्तर पर कौशल क्षमता में वृद्धि करने की जरूरत है। अधिकारियों से ले कर फील्ड ऑफिसर तक के लिए प्रबंधन व तकनीकी कौशल के विकास की अपार संभावनाएं हैं। और इसी उद्देश्य से बिहार ऊर्जा दक्षता दृढ़ता योग्यता कार्यक्रम (बड्डी) पहल की शुरुआत की गई है। श्री हंस ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के पास बहुत सी चुनौतियाँ हैं जिनका समाधान करने के लिए ऊर्जा संबंधित कानून और पॉलिसी को समझना जरूरी है। आज अनुबंध आधारित चुनौतियां, रेगुलेटरी और एनर्जी स्टोरेज से जुड़े मुद्दे काफी अहम हैं।

अप्रैल 2024 में 6 ग्रुप बनाकर लगभग 450 अधिकारियों को आठ सेशन द्वारा एनर्जी लॉ और पॉलिसी तथा कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट पर एक्सपर्ट प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। श्री राज सिंह निरंजन, डीईजीएफ के निदेशक ने काफी रोचक एवं सहज तरीके से एनर्जी लॉ और पॉलिसी पर 4 दिनों में प्रशिक्षुओं को दक्षता प्रदान की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में लॉ और पॉलिसी के अंतर को समझने के साथ यह भी समझना ज़रूरी है कि उनके कंप्लायंस ना करने पर अथवा किसी भी तरह के अनुबंध संबंधित विवाद होने पर कंपनियों पर अनावश्यक बोझ बढ़ता है। उन्होंने बिजली उत्पादन, उसके संचरण, वितरण, ट्रेडिंग, आपूर्ति एवं ऊर्जा भंडारण के सभी संबंधित विधिक पहलुओं पर विस्तार से प्रतिभागियों से चर्चा की। वहीं श्री दीप चंद्र जोशी कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट पर सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।

इन कार्यशालाओं में न सिर्फ शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जाता है बल्कि प्रशिक्षुओं को व्यक्तित्व निखारने का भी अच्छा मंच दिया जा रहा है। प्रतिभागियों को अपने कला और हॉबी को निखारने और सबके समक्ष प्रस्तुत करने का भी अवसर दिया जा रहा है। यदि कोई अच्छे वक्ता हैं तो उन्हें प्रस्तुति देने पर प्रोत्साहन के तौर पर उपहार भी दिया भी जाता है। प्रशिक्षण सत्र के बाद एक इनफॉर्मल सेशन होता है जहां उपस्थित प्रतिभागी साथ में गाना गाते हैं, और माहौल का आनंद लेते हैं। इसके माध्यम से प्रतिभागियों को अपने स्ट्रेस को कम करने का मौका मिलता है, साथ ही टीम के बीच आपसी समझ बढ़ती है, एक दूसरे को जानने का मौका मिलता है। सभी प्रतिभागियों ने अपने फीडबैक फॉर्म में बताया कि उन्हें दिए जा रहे प्रशिक्षणों से काफी लाभ हो रहा है जिससे उनके कार्यों में निश्चित रूप से दक्षता आएगी।

अप्रैल माह में आयोजित प्रशिक्षण के सुमग संचालन की जिम्मेदारीअनिल कुमार सिन्हा, परामर्शी (वित्त), बीएसपीएचसीएल को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी बीएसपीएचसीएल बड्डी कार्यक्रम के तहत अधिकारियों की योग्यता वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अन्य रोचक और उपयोगी विषयों पर लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगे।

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