भूमिहार पर बयान से घमासान, पटना में अशोक चौधरी का पुतला दहन का सवर्ण सेना ने किया ऐलान, बिहार में मचा है बवाल

भूमिहार पर बयान से घमासान, पटना में अशोक चौधरी का पुतला दहन

PATNA: बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बयान से राज्य की सियासी हलचल तेज है। अशोक चौधरी ने भूमिहारों के खिलाफ विवादित बयान दिया था जिसके बाद से ही उनका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं आज यानी 1 सितंबर को कारगिल चौक पर सवर्ण सेना ने अशोक चौधरी का पुतला दहन करने का ऐलान कर दिया है। 

प्रदेश के सवर्ण सेना ने भरी सभा में भूमिहार समाज के ऊपर टिप्पणी करने के आक्रोश में बिहा सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का पुतला दहन करने का ऐलान किया है। सवर्ण सेना ने कारगिल चौक, गांधी मैदान के पास अशोक चौधरी का पुतला दहन करने का ऐलान किया है। भूमिहारों के लिए अशोक चौधरी के दिए गए बयान से भूमिहारों में भारी आक्रोश है।

दरअसल, अशोक चौधरी ने बीते दिन जहानाबाद में भूमिहा समाज को लेकर विवादित बयान दिया था। मंत्री अशोक चौधरी ने जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी की हार का ठीकरा भूमिहारों पर फोड़ दिया था। उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रम में भूमिहारों को खुल्लम खुल्ला धमकाया। भूमिहारों को धमकाने के अंदाज में कहा, ऐसे में नहीं मिलेगा विस का टिकट, आपलोगों का कोई उसूल नहीं। इतना ही नहीं भूमिहारों के खिलाफ अति पिछड़ों को भी उकसाने की कोशिश की थी।

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जहानाबाद में जदयू के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अशोक चौधरी ने कहा था कि कुछ लोग जात-पात की राजनीति करते हैं। क्या नीतीश कुमार ने ऐसा किया कि जहां भूमिहार का गांव होगा वहां सड़क नहीं बनेगी। लेकिन जब आप अतिपिछड़ा को उम्मीदवार बनाते हैं तो भूमिहार लोग भाग जाते हैं। कहते हैं हम वोट नहीं देंगे। चुनाव के समय ही दिल्ली-बम्बई भाग गए। आपकी जाति(भूमिहार) का उम्मीदवार अगर खड़ा है तो आप कहेंगे बढ़िया है। अगर मेरा उम्मीदवार(अति पिछड़ा) तीन दिन-चार दिन आपके दरवाजे नहीं गया तो आप कहेंगे की खराब है। राजनीत करना है तो उसूल के साथ कीजिए। राजनीति करना है तो वजूद के साथ कीजिए। मुद्दों पर कीजिए। जब हमारे नेता ने निर्णय कर लिया तो हमें उस आदमी के साथ स्टैंड करना है, चाहे वह कैसा भी हो।

अशोक चौधरी ने भूमिहार जाति पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग कलकत्ता, दिल्ली, मुंबई घूम रहे थे वो चाहते हैं कि विधानसभा पहुंच जाएंगे तो यह गलत बात है। उनकी मंशा कामयाब नहीं होगी। उन्होंने बिना नाम लिए जहानाबाद के भूमिहार नेताओं पर प्रहार किया। उन्होंने दूसरे समाज के लोगों से भूमिहारों से होशियार रहने की भी सलाह दे डाली। जिसके बाद से ही सवर्ण समाज उनका विरोध कर रहा है।