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देश में 90 प्रतिशत हो वोटिंग की व्यवस्था,राजनीतिक दलों के लिए तय हो चंदे की सीमा, जाने राष्ट्रपति को किसने दिए ये सुझाव

देश में 90 प्रतिशत हो वोटिंग की व्यवस्था,राजनीतिक दलों के लिए तय हो चंदे की सीमा, जाने राष्ट्रपति को किसने दिए ये सुझाव

NEW DELHI : देश में चुनाव सुधार, न्यायिक और विदेश नीति सुधार के लिए मगध फाउंडेशन ने आवाज उठाई है। गुरुवार को राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन के अध्यक्ष और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एन.त्रिपाठी ने कहा की मौजूदा परिस्थितियों में देश को इन अहम सुधारों की जरुरत है। हमारा संगठन प्रयासरत है कि केंद्र सरकार इन सुधारों को लागू करें। संगठन की कमेटी आने वाले दिनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपेगी।

राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद मगध फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा की, चुनाव सुधार के तहत लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनावों में कैसे 90 प्रतिशत वोटिंग व्यवस्था हो इसका एक विस्तृत हमारे संगठन ने तैयार किया है। इसमें हमने बताया कि पोलिंग बूथ को अधिकतम 400 वोट के लिए तैयार किया जाना चाहिए। ताकि लोग आसानी से वोट डाल सके। इसके अलावा मतदान करने वाले लोगों को एक प्रमाण पत्र मिलना चाहिए। इसके अलावा लोकसभा-विधानसभा में आरक्षित सीटों को हर 15 वर्ष के आधार पर बदल देना चाहिए। ताकि दलित-आदिवासी और कमजोर लोगों को वर्ग के लोगों को मौका मिल सके।

त्रिपाठी ने कहा कि, न्यायिक सुधार के तहत न्यायपालिका में भ्रष्टाचार रोकने के लिए न्यायिक सतर्कता आयोग का गठन किया जाना चाहिए। इसके अलावा देश में न्यायपालिका को जवाबदेह, मेहनती और निष्पक्ष बनाने के लिए उच्च न्यायालयों में नियमों संशोधन करना चाहिए। इसके अलावा विदेश नीति में सुधार के लिए मगध कालीन भारत के संप्रभु राष्ट्र अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा और सांस्कृतिक ईवीएम राजनीतिक रूप से साथ रहे श्रीलंका के साथ मिलकर ग्रेटर इंडिया फेडरेशन वृहद भारत संघ बनाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि,हम इन आठ भ्रात देशों के साथ कला-संस्कृति, आध्यात्मिकता, सामाजिक चर्चा और आर्थिक सहयोग के माध्यम से हमारे संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य रखते है। इसमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान,सामाजिक बातचीत और आर्थिक अवसरों को अन्वेषण शामिल है। इन सभी देशों को एकीकृत कर विदेश नीति बनानी चाहिए। इसमें भारत संघ की विदेश नीति एक हो।

इस बैठक में केंद्रीय समिति के सदस्य राकेश शंकर शेट्टी, एम जितेंद्र, मगध फाउंडेशन के महासचिव डॉ. अजय ओझा, केंद्रीय समिति के सदस्य सी एस दुबे, के डी सिंह, देवाशीष दत्ता, डॉ शूलपाणि सिंह, तमिलनाडु स्टेट हेड वेंकटेश रामराज, राजस्थान स्टेट हेड डॉ. वरूण पुरोहित, कार्यकारिणी समिति के सदस्य परमदेव सिंह और मुमताज अंसारी भी मौजूद रहे।

नई दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट

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