दिल्ली-ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौके का मुआयना किया और पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान कर दिया. तो हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने उच्च स्तरीय समिति बनाई है जो एक महीने में रिपोर्ट सौंपेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यहां इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण कोचिंग सेंटर में तीन आईएएस अभ्यर्थियों की मौत की जांच के लिए सोमवार को अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की.
समिति इस घटना के कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीति में बदलाव की सिफारिशें करेगी. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के अलावा, समिति में दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के विशेष सीपी, अग्निशमन सलाहकार सदस्य और गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव संयोजक होंगे। समिति 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात कर उन्हें आश्वासन दिया कि घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा. उपराज्यपाल ने मृतक छात्रों के परिजन को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की.सूत्रों के मुताबिक, अगले 24 घंटे में दिल्ली फायर विभाग, दिल्ली पुलिस और एमसीडी के अधिकारियों पर बड़ा एक्शन हो सकता है.
सदन से सड़क तक छात्रों ने हंगामा किया. छात्रों में आक्रोश साफ नजर आया वहीं इस मामले में पुलिस ने 5 और लोगों को गिरफ्तार किया है. जिन्हें अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पश्चिम दिल्ली में राव आईएएस स्टडी सर्किल के पास छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज ने घटना के लिए दिल्ली की ‘आप’ सरकार को जिम्मेदार ठहराया.