आतंकी संगठनों को हथियार सप्लाई करने के लिए बदनाम हो रहा है सारण का यह गांव, अब तक चार युवक हो चुके हैं गिरफ्तार

SARAN : बिहार से आतंकवाद का कनेक्शन लगातार गहरा होता जा रहा है। जहां दरभंगा ट्रेन ब्लास्ट को लेकर NIA की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि अब NIA की टीम अब सारण पहुंच गई है। जहां से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार युवक पर आरोप है कि वह कश्मीर में आतंकी संगठनों को हथियारों की सप्लाई करनेवाले गैंग में शामिल है। युवक की पहचान अरमान हाशमी के रूप में हुई है। बिहार से कश्मीर के आतंकियों को हथियार उपलब्ध कराने की वह एक कड़ी है। एनआईए की टीम उसे गिरफ्तार अपने साथ ले गई है।

एक ही गांव के चौथे युवक का आतंकी कनेक्शन
 
 उक्त कार्रवाई जिले के मढ़ौरा थाने के देव बहुआरा गांव में की गई है। मालूम हो कि इसी गांव के दो युवक जावेद और मुस्तफा को NIA की टीम काश्मीर के आतंकियों को हथियार सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। मुस्तफा की पहले गिरफ्तारी पंजाब के मोहाली से हुई थी। मुस्तफा के भाई जावेद की गिरफ्तारी 16 फरवरी 2020 को उसके पैतृक घर देव बहुआरा से हुई थी। पहली बार गिरफ्तार युवक जावेद की दोस्ती पंजाब के एक कॉलेज में कथित आतंकी कनेक्शन वाले कश्मीर के मुश्ताक नामक एक युवक से हुई। कथित तौर पर जावेद ने ही सारण से करीब 7 पिस्टल मुश्ताक को मुहैया कराई थी। इस मामले में जावेद के भाई गुड्डू की गिरफ्तारी भी हुई थी।

अब एक और गिरफ्तारी

जहां एनआईए की टीम पहुंची थी। जहां जिला पुलिस के सहयोग से आतंकी कनेक्शन के आरोपी युवक 18 वर्षीय अरमान को उसके पैतृक घर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद जांच टीम युवक को मढ़ौरा थाने लाई और फिर उसे लेकर अपने साथ चली गई। गिरफ्तार युवक मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा गांव के नियामुद्दीन व ओहिदा खातून का पुत्र अरमान बताया गया है। गिरफ्तारी के समय महिला पुलिस के साथ पहुंची टीम आरोपी अरमान के दो मोबाइल समेत परिजन के भी मोबाइल को जब्त कर लिया। हालांकि थाने में कार्रवाई के बाद परिजनों के मोबाइल और अरमान का भी एक छोटा हैंडसेट वाला मोबाइल लौटा दिया गया, जबकि आरोपी अरमान का एंड्रॉयड स्मार्टफोन पुलिस अपने साथ लेकर गई।

नौवें क्लास तक पढ़ा है अरमान
 गिरफ्तार अरमान तीन भाइयों में सबसे बड़ा है और फिलहाल घर पर ही रहता है। परिजनों के मुताबिक छह महीने पहले केरला में रहकर टाइल्स लगाने का काम करता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से छह माह से घर पर ही था। वहीं अरमान के पिता सऊदी में काम करते हैं, लेकिन वो भी पिछले छह माह से घर आए हुए हैं।