PATNA : "रामचरितमानस को बैन करने की मांग करने वाले लोग *H56*/-52* हैं. रामचरितमानस के बारे में ज्ञान नहीं है।यह ग्रंथ सामाजिक संबंधों और संस्कार सीखाता है. जो इसके खिलाफ बोलते हैं वे अनपढ़ गंवार हैं।" उक्त बातें जदयू के एमएलसी जेडीयू के पूर्व विधायक और वर्तमान में एमएलसी महेश्वर प्रसाद सिंह ने बीते सोमवार को महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित स्वाभिमान कार्यक्रम के दौरान कही।
जिस तरह से रामचरित मानस को लेकर विवादित बयानबाजी की जा रही है। उसके बाद जदयू की तरफ से कई नेता इस पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। अब खुले मंच से हजारों लोगों के सामने विवादित बयान देनेवाले मंत्री को खूब खरी खोटी सुनाया है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का नाम लिए बगैर रामचरितमानस को लेकर दिए बयान पर महेश्वर प्रसाद ने जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि रामचरितमानस को बैन करने की मांग हो रही है. जो ये मांग कर रहे हैं वो लोग *H*#@* हैं
बताया क्या है रामचरित मानस
महेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि राम चरित्र मानस क्या बताता है, क्षेत्रीय धर्म क्या है. माता-पिता के साथ संबंध कैसा हो, भाई-भाई के साथ संबंध कैसा हो, पति-पत्नी का संबंध कैसा हो और गुरु-शिष्य का संबंध कैसा हो. रामचरितमानस हमें संस्कार सिखाता है. रामचरित्र मानस पर बोलने वाले लोग अनपढ़, गवार हैं और इसकी सजा उन्हें मिलनी चाहिए.
पूरा मामला: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था और उसके बाद ही विवाद शुरू हो गया. जदयू की तरफ से नाराजगी जताई गई है। जदयू की तरफ से उन पर कार्रवाई की मांगी भी की जा रही है साथ ही बयान वापस लेने के लिए दबाव भी डाला गया। लेकिन आरजेडी की तरफ से अभी तक न तो कोई कार्रवाई हुई है और ना ही शिक्षा मंत्री ने अपना बयान वापस लिया है।
सीएम नीतीश भी जता चुके हैं नाराजगी: शिक्षा मंत्री अभी भी अपने बयान पर अड़े हुए हैं. आरजेडी उनके साथ खड़ी दिख रही है. इसके कारण ही जदयू खेमे में इसको लेकर अभी भी नाराजगी है. यहां तक कि मुख्यमंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जता दी थी, लेकिन उसके बाद भी शिक्षा मंत्री ने अपना बयान वापस नहीं लिया है।