BETIAAH : बेतिया जिले के वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व में लगातार घटनाएं हो रही है। जहां जंगल में एक तेंदूए का शव मिला है। वहीं अब बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मौत की खबर सामने आई ही। वन बाघ के हमले में मारे गए व्यक्ति की पहचान इनरदेव महतो(50 साल) के रूप में की गई है। विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
घटना सहोदरा थाना क्षेत्र के बनबैरीया गांव के पास की है। जानकारी के अनुसार मंगलवार को सुबह पांच बजे के आसपास इनरदेव महतो अपनी बकरी को चराने के लिए गए हुए थे। इसी दौरान सारी बकरियां भागकर वापस घर लौट गई। जबकि इनरदेव वापस नहीं लौटा, जिसके बाद उसकी खोजबीन शुरू की गई तो पता चला कि उस पर बाघ ने हमला किया था, जिसमें उसकी मौत हो गई है।
यहां रहनेवाले एक ग्रामीण ने बताया कि इनरदेव गांव के संतोष महतो के खेत के पास अपनी बकरियों को चरा रहे थे। इसी दौरान बाघ ने उन पर हमला कर दिया। जिसके बाद वह खुंखार जानवर उन्हें 200 मीटर घसीटते हुए मक्के
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में तेंदुआ की मौत
बेतिया में मंगलवार को बाघ के हमले से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि इनरदेव महतो (50) बकरी चराने गया था। इसी दौरान जंगल से निकलकर एक बाघ ने उसपर अटैक कर दिया। इसके बाद 200 मीटर तक घसीट कर गन्ने के खेत में ले गया। फिर शव को छोड़ कर भाग गया। घटना को लेकर पूरे इलाके में दहशत है।
हैरानी की बात यह है कि जहां से शव मिला है, वहां सौ मीटर की दूरी पर रेंज ऑफिस है, फिर भी बाघ के हमले की जानकारी नहीं मिली। पश्चिम चंपारण के वन संरक्षक डॉ नेशामणि के ने बताया कि जंगल से सटे गांव है, जहां पर यह घटना हुई है।
खतरे में रहती है ग्रामीणों की जान
बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व एकमात्र जगह है, जहां आम लोग बाघों को जंगल में देख सकते हैं। करीब 900 वर्ग किमी इलाके में फैले जंगल में फिलहाल 54 बाघ हैं। जिसके कारण आए दिन लोगों को बाघों के हमले में अपनी जान गंवानी पड़ती है। पिछले 3 सालों में बाघ ने चार बार जंगल से निकलकर हमला किया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई है। साल 2022 में सबसे बड़ी घटना हुई थी, जिसमें बाघ ने 10 लोगों को शिकार बनाया था, इनमें 9 की मौत हो गई थी।
इसके बाद साल 2023 में बाघ ने दो बार अटैक किया। जिसमें एक बार बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दूसरी बार के हमले में बाघ ने एक महिला की जान ले ली।