PATNA : बिहार के कैबिनेट से अलग होने के बाद भी पटना एमएलसी कार्तिक सिंह की परेशानी कम नहीं हुई है। उनके खिलाफ चल रहे अपहरण के मामले में दानापुर कोर्ट में आज अहम सुनवाई होने जा रही है। माना जा रहा है कि आठ साल पुराने मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिलने के बाद आज माना जा रहा है कि उनके खिलाफ नन-बेलेवल वारंट जारी हो सकता है। ऐसे में आज कोर्ट में सुनवाई के बाद उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। साथ ही यह केस दानापुर कोर्ट से ट्रांसफर होकर एमपी-एमएलए कोर्ट में जा सकता है।
क्यों मानी जा रही है गिरफ्तारी तय
आठ साल पहले बिल्डर राजू सिंह के अपहरण मामले में अब तक जो स्थिति है, वह कार्तिक सिंह के खिलाफ जा रही है। जिसमें कई महत्वपूर्ण बातें हैं, जो कार्तिक सिंह के लिए परेशानी खड़ी कर रही हैं। जिनमें एक कारण बिल्डर राजू सिंह ने पुलिस को दिए बयान में कार्तिक सिंह का भी नाम लिया है। दूसरा कारण कार्तिक सिंह की पत्नी का यह कहना कि जब यह घटना हुई, कार्तिक सिंह स्कूल में थे, लेकिन जांच में उनका मोबाइल लोकेशन दूसरी जगह बताया गया है। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि पूर्व मंत्री ने कोर्ट से यह तथ्य छिपाया कि हाईकोर्ट से उनकी जमानत खारिज हो चुकी है।
करना पड़ सकता है सरेंडर
मामले में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं का कहना है कि केस की जो स्थिति है, उसमें कार्तिक सिंह की परेशानी बढ़नेवाली है। नन बेलेबल वारंट जारी होगा और उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना होगा। इससे पहले हाईकोर्ट ने भी जमानत खारिज होने के बाद सरेंडर करने को कहा था, लेकिन कार्तिक सिंह ने ऐसा नहीं किया। वहीं दूसरी तरफ कार्ति सिंह के वकील का कहना है कि पूर्व मंत्री कानून के नजर में फरार नहीं हैं। जरुरत पड़ने पर वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।