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सावन की दूसरी सोमवारी आज, देवघर में शिवभक्तों की लगी 16 किलोमीटर लम्बी कतार

सावन की दूसरी सोमवारी आज, देवघर में शिवभक्तों की लगी 16 किलोमीटर लम्बी कतार

DEVGHAR : श्रावणी मेला की आज दूसरी सोमवारी है. इस मौके को लेकर बाबा नगरी में आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है. आज अहले सुबह 3 :45 बजे मंदिर का पट आम भक्तों के लिए खोला गया.  भक्तों की कतारनंदन पहाड़ को पार करते हुए फिल्टरेशन प्लांट को भी पार कर कुमैठा पहुँच गयी. ऐसे में भक्तों के कतार की लम्बाई 16 किलोमीटर लंबी हो गयी है. आज सोमवारी और प्रदोष व्रत का महा संयोग  है, जो बीस साल बाद बना है. आज सबसे पहले मंदिर के गर्भ गृह में पुजारी समाज की ओर से काचा जल पूजा की गई औऱ विशेष श्रृंगार के बाद जलार्पण शुरू कराया गया. 

इस बार चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. एक अनुमान के मुताबिक आज दूसरी सोमवारी को तकरीबन  2 लाख 50 हजारसे ज्यादा कांवरिया जल अर्पण करेंगे. देवघर एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. पूरे मेला परिसर को हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया है. पल-पल की जानकारी सीसीटीवी कैमरे और अत्याधुनिक तकनीकों से ली जा रही है. वही डीसी राहुल कुमार कहा कि दूसरी सोमवारी को अनुमान के मुताबिक भीड़ आई है. आज करीब ढाई लाख से ज्यादा कांवरिये जल अर्पण करेंगे, जिसके लिए मुकम्मल व्यवस्था की गयी है.

सोमवारी का महत्व 

भगवान शंकर को पुरे सावन मास दूध और गंगा जल से अभिषेक करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. लेकिन सोमवारी का अपना महत्व होता है. सोम चन्द्रमा को कहते है और चन्द्रमा के ईश्वर महादेव है. इनके सर पर चन्द्रमा विराजमान है. लिहाजा सोमवारी काफी फलदाई होता है. 

भगवान शिव को सोमेश्वर भी कहते है. कथाओं में यह भी वर्णित है की गंगा का पृथ्वी पर पदार्पण भी सावन के सोमवारी को ही हुआ था. इसी वजह से सोमवारी को उत्तम दिन माना जाता है. सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवारी को एक बेशकीमती वस्तु निकली थी. ये सभी वस्तुएं जगत के कल्याण के लिए निकला था. सावन की दूसरी सोमवारी को ऐरावत हाथी की उत्पत्ति हुई थी, जो शक्ति वैभव और ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है.

देवघर से सुनील की रिपोर्ट 

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