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गड़बड़ी के लिए कुख्यात है परिवहन विभागः फिटनेस प्रमाण पत्र पर सरकार का जवाब चौंकाने वाला, जहां एक भी जांच केंद्र नहीं और दावा-ऑल इज वेल

गड़बड़ी के लिए कुख्यात है परिवहन विभागः फिटनेस प्रमाण पत्र पर सरकार का जवाब चौंकाने वाला, जहां एक भी जांच केंद्र नहीं और दावा-ऑल इज वेल

PATNA: बिहार के परिवहन विभाग में बड़े-बड़े खेल होते हैं। यहां बिना जांचे गाड़ियों को फिट-अनफिट किया जाता है। दूसरे जिले के थाने में बंद गाड़ियों को फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। आरोपी अफसरों को बचाने का खुल्म खुल्ला प्रयास किया जाता है। परिवहन विभाग में अब तक कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। पटना डीटीओ दफ्तर की कारस्तानी तो सबके सामने है हीं। पटना के पूर्व डीटीओ और एक कर्मी ने तो खुल्लमखुल्ला नियम-कानून को तार-तार कर करोड़ों का घपला किया.खुलासे के बाद विभाग ने घपलेबाज कर्मी को तो सस्पेंड किया है। लेकिन अब भी उसी जुर्म के आरोपी डीटीओ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं पटना के एमवीआई पर भी गंभीर आरोप हैं। 

दूसरे जिले के थाने में बंद गाड़ी को किया जाता है फिट 

अब जरा बिहार में गाड़ियों के फिटनेस की बात कर लेते हैं।बिहार में सरकार का अब तक एक भी दुरूस्ती केंद्र नहीं है।बिना कोई केंद्र के ही हर दिन हजारों को फिट होने का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा। जानकार बताते हैं कि हर दिन एक जिले में सैकड़ों गाड़ियों को बिना जांचे-परखे ही एमवीआई दुरूस्ती प्रमाण पत्र जारी करते हैं। तभी तो दूसरे जिले के थाने में बंद गाड़ियों को भी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। अब तक कई जिलों से यह मामला सामने आ चुका है.पटना के एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह पर मुजफ्फरपुर के थाने में बंद गाड़ी का फिटनेस प्रमाण पत्र देने का आरोप है। मामले का खुलासा होने के चार महीने बाद विभाग ने जांच संबंधी आदेश दिये हैं। 

फिटनेस जांच में ऑनलाइन से तौबा

दरअसल बिहार में गाड़ियों के फिटनेस जांच को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। विभाग का सारा काम ऑनलाइन होता है लेकिन सिर्फ फिटनेस  प्रमाण पत्र को ऑफलाइन रखा गया है। एमवीआई को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया हुआ है।ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं होने की वजह से इसमें भारी गड़बड़ी की गुंजाइश रहती है। सरकार पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का दावा जरूर करती है लेकिन फिटनेस प्रमाण पत्र को ऑनलाइन माध्यम से कराने पर कोई पहल नहीं करती । नतीजा यह है कि बिना देख ही गाड़ियों का फिटनेस जारी कर दिया जाता है।

सरकार का जवाब आंख में धूल झोंकने वाला

जिस राज्य में फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का गोरखधंधा चल रहा हो वहां की सरकार सबकुछ ठीक-ठाक होने का दावा करती है। बजट सत्र के दौरान विधानपरिषद में विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय ने सवाल उठाया था। सरकार की तरफ से जो जवाब आया वो कम चौंकाने वाला नहीं। परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने गाड़ियों के फिटनेस प्रमाण पत्र देने को लेकर जवाब दिया कि मोटरवाहन अधिनियम 1988 की धारा-213 के द्वारा नियुक्त तकनीकी पदाधिकारी मोटरयान निरीक्षकों द्वारा गाड़ियों को निर्धारित मानक के आधार पर दुरूस्ती प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाता है। इसके अतिरिक्त बिहटा में सर्टिफिकेशन केंद्र की स्थापना की जा रही है।जिससे गाड़ियों का दुरूस्ती प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सकेगा। मतलब साफ है कि बिहार में आगे भी यही स्थिति रहेगी। सर्टिफिकेशन केंद्र बनने के बाद काम होगा।जवाब से यह पानी की तरह साफ हो गया कि सरकार की मंशा दुरूस्ती प्रमाण पत्र में हो रही घपलेबाजी को बंद करने की नहीं है बल्कि आगे भी जारी रखने की है। मतलब साफ है कि कि सिर्फ भाषणों में सिस्टम को पारदर्शी बनाने की बात होगी। धरातल पर खुल्लम खुल्ला गड़बड़झाला जारी रहेगा।

पटना एमवीआई ने थाने में बंद ट्रक का दिया फिटनेस?

बिहार ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की तरफ से पिछले साल ही परिवहन विभाग में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पटना के एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर के आदर्श नगर थाना क्षेत्र में जो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई उसे थाना में बंदी के दौरान पटना के मोटरयान निरीक्षक ने फिटनेस प्रमाण पत्र दे दिया। गाड़ी संख्या यूपी- 60T4830 ट्रक जो 2 जुलाई 2019 को आदर्श नगर थाने में जब्त कर रखा गया था उस गाड़ी का फिटनेस प्रमाण पत्र दिया गया।  4 जुलाई 2019 को जिला परिवहन कार्यालय पटना के काउंटर पर चलान जमा किया गया तथा 5 जुलाई 2019 को एमवीआई मृत्युंजय सिंह के द्वारा गाड़ी का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण की तारीख फिटनेस प्रमाण पत्र पर दर्शाया गया है. 6 जुलाई 2019 को उस गाड़ी का एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र 6 जुलाई 2019 से 4 जुलाई 2021 तक निर्गत किया गया है. जबकि वह ट्रक दूसरे जिले के थाने में जब्त था।

थाने के पत्र से खुलासा

19 अगस्त 2019 को सिकंदरपुर आदर्श नगर थाना मुजफ्फरपुर की पुलिस ने मोटरयान निरीक्षक मुजफ्फरपुर को नगर थाना कांड संख्या 572-2019 के तहत ट्रक संख्या- यूपी- 60T4830 की यांत्रिक जांच के संबंध में एमवीआई मुजफ्फरपुर को पत्र लिखा था।ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि जब गाड़ी दूसरे जिले के थाने में जब्त है तो पटना एमवीआई ने किस परिस्थिति में 5 जुलाई 2019 को गाड़ी का निरीक्षण किया और उसका फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया. इसमें भारी गड़बड़ी की गई है. यह जांच का विषय है कि थाने में बंद ट्रक का फिटनेस प्रमाण पत्र कैसे निर्गत हुआ? आरोपी एमवीआई के केस दर्ज करें।

एमवीआई का जवाब चौंकाने वाला

शिकायक के बाद परिवहन विभाग के उप सचिव ने 5 जनवरी 2021 को ही गड़बड़ी करने के आरोपी पटना के एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह से स्पष्टीकरण पूछा था। दो बार स्पष्कीरण पूछे जाने के बाद पटना एमवीआई ने 6 जनवरी को शो-कॉज का जवाब दिया। उनका जवाब चौंकाने वाला था। पटना एमवीआई ने जो जवाब दिये उसके अनुसार हमने सही गाड़ी का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया लेकिन वाहन स्वामी ने फर्जी काम किया। पटना के एमवीआई ने विभाग को दिये अपने जवाब में लिखा है कि वाहन संख्या- यूपी- 60T4830 का फिटनेस प्रमाण पत्र गाड़ी के भौतिक सत्यापन कर चेचिस संख्या पेंसिल प्रिंट फॉर्म 50-2 पर लेने के बाद निर्गत किया गया. वाहन स्वामी द्वारा किसी अन्य वाहन पर निबंधन संख्या एवं चेचिस पंच कर दो वाहनों को चलाने का मामला प्रतीत होता है। मतलब पटना एमवीआई ने अपने जवाब में लिखा कि थाने में जब्त गाड़ी का चेचिस नंबर ही गलत है। परिवहन विभाग शो-कॉज प्राप्त कर फिर से गहरी निद्रा में सो गया। हालांकि एमवीआई के जवाब में ही कई झोल हैं। पुलिस ने जिस नंबर के ट्रक को जब्त करने की बात कह रही उसे पटना के एमवीआई गलत चेसिस नंबर साबित करने में जुटे रहे। विभाग ने भी माना कि इस जवाब से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता। लिहाजा अब विस्तृत जांच को लेकर आदेश जारी किया है। अब देखना वाली बात होगी कि 15 दिनों में जांच अधिकारी किस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं। हालांकि जिस तरह के आरोप और उसके संबंध में प्रमाण हैं उसे कोई जांच अधिकारी आसानी से नकार नहीं सकता। 

फिटनेस प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी करने में क्या है मजबूरी? 

बड़ा सवाल यही है कि आखिर यह फर्जीवाड़ा कब तक चलेगा। वैसे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के नाम पर हाकिमों को पसीना क्यों छूटने लगता है ? परिवहन विभाग में अन्य सभी काम ऑनलाइन तो केवल फिटनेस प्रमाण पत्र ऑफलाइन क्यों.... क्या इसके पीछे कोई खास मकसद है? 

परिवहन विभाग ने जांच के दिये हैं आदेश

परिवहन विभाग के उप सचिव की तरफ से 19 मार्च 2021 को क्षेत्रीय आयुक्त सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार पटना को पत्र दिया है। पत्र में विभाग ने उन तमाम बातों का जिक्र किया है जो उन पर आरोप लगे हैं। साथ ही आरोपी एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह ने बचाव में जो चौंकाने वाला जवाब दिये हैं उन बातों का भी जिक्र किया गया है। विभाग ने कहा है कि इस मामले की विस्तृत जांच की जरूरत है। लिहाजा पंद्रह दिनों में जांच कर रिपोर्ट सौंपे।

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