Tej pratap yadav: तेजप्रताप यादव का जन्मदिन पर भावुक इजहार, बहन चंदा यादव को लिखा इमोशनल मैसेज, सियासी दूरी के बीच रिश्तों की गर्माहट

Tej pratap yadav:तेजप्रताप यादव ने अपनी बड़ी बहन चंदा यादव के जन्मदिन पर ऐसा भावुक पैग़ाम दिया, जिसने सियासत के शोर में भावनाओं की आवाज़ को बुलंद कर दिया।

Tej Pratap s Emotional Birthday Note for Sister Chanda
तेजप्रताप यादव का जन्मदिन पर भावुक इजहार- फोटो : x

Tej pratap yadav: राजनीतिक उठापटक, पारिवारिक खींचतान और सियासी तूफानों के बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने एक बार फिर यह जता दिया कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन रिश्तों की अहमियत उससे कहीं ऊपर। परिवार से अलग रह रहे तेजप्रताप यादव ने अपनी बड़ी बहन चंदा यादव के जन्मदिन पर ऐसा भावुक पैग़ाम दिया, जिसने सियासत के शोर में भावनाओं की आवाज़ को बुलंद कर दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे उनके शब्द महज़ बधाई नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और भरोसे की तहरीर बनकर सामने आए।

तेजप्रताप यादव ने लिखा कि वह हमेशा सही रास्ते पर नहीं चल पाए हों, लेकिन उन्हें इस बात का पूरा यक़ीन है कि जब भी वह लौटेंगे, उनकी बहन उनके साथ खड़ी होंगी। उन्होंने चंदा यादव को सिर्फ बहन नहीं, बल्कि अपनी “एंकर” बताते हुए कहा कि जीवन चाहे अराजकता दिखाए या सुकून, संघर्ष दे या कामयाबी, वे हमेशा एक साथ खड़े रहेंगे। यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब यादव परिवार की अंदरूनी सियासत और रिश्तों में खटास की चर्चाएं लगातार सुर्खियों में हैं।

तेजप्रताप ने अपने दिल की बात बेबाकी से रखते हुए लिखा कि भले ही वह सबसे बेहतरीन भाई न हों, लेकिन उनका प्यार, सम्मान और आभार अपनी बहन के लिए अटूट है। उन्होंने स्वीकार किया कि चंदा यादव के चुपचाप, बिना कहे किए गए समर्थन ने उन्हें गढ़ा है, उन्हें बढ़ने और सीखने का हौसला दिया है। “आपके बिना कहे केयर करने, हमेशा मेरा भला चाहने और हर हाल में डटकर खड़े रहने” के लिए उन्होंने बहन का शुक्रिया अदा किया।

इस भावुक संदेश में सियासत की तल्ख़ी नहीं, बल्कि रिश्तों की नमी और अपनापन झलकता है। तेजप्रताप यादव का यह इज़हार ऐसे समय में आया है, जब वह खुद राजनीतिक और पारिवारिक तौर पर मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में यह संदेश साफ करता है कि सत्ता, पद और राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन भाई-बहन का रिश्ता हर हाल में कायम है। तेजप्रताप के शब्दों में यह भरोसा झलकता है कि चाहे हालात जैसे भी हों, परिवार का सहारा और बहन का साथ उनके लिए सबसे बड़ी ताक़त है।