PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में शामिल हो रहे हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला जनता दरबार है। इसके पहले 9 अगस्त को सीएम नीतीश जनता के दरबार में शामिल हुए थे। उसी दिन उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था। जनता दरबार में शामिल होने के बाद शाम में इसकी घोषणा हुई थी। जनता दरबार में सीओ की लगातार शिकायत मिलने से परेशान मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को तलब किया।
अफसर तलब
फरियादी ने सीएम नीतीश से कहा कि सीओ लोक शिकायत के आदेश का पालन नहीं कर रहे। लोक शिकायत से उनके पक्ष में फैसला आ गया लेकिन वे इसका तामिला नहीं करा रहे। इसके बाद सीएम नीतीश बिफर गये। उन्होंने कहा...ये बुलाओ राजस्व वाले को. बस क्या था राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव भागे-भागे सीएम नीतीश के पास पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि .ये क्या हो रहा है....देखिए, सीओ पर एक्शन लीजिए।
तारकिशोर प्रसाद का नाम लेकर धमकाता है सीओ
कटिहार के फरियादी ने सीएम नीतीश से कहा कि हुजूर जमीन के मुआवजा को लेकर अंचलाधिकारी पचास लाख रू मांग कर रहा है। सीओ कहता है जब तक पैसा नहीं दोगे भुगतान नहीं होगा। वह अपने आप को पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का आदमी बताता है और धमकाता है। आप न्याय करिए। इसके बाद सीएम ने इस मामले पर संज्ञान लिया।
एक फरियादी ने मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाबंदी में सीओ घालमेल कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन कर कहा कि देखिए इस मामले को। जमाबंदी को लेकर परेशानी है। वहीं दूसरे फरियादी ने भी जमीन से जुड़े मामले की ही शिकाय़त की। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि कागज के लिए कर्मी पचास हजार रू मांग रहा है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन कहा कि इससे पचास हजार रू मांगे जा रहे हैं। इसको देखिए