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कुख्यात धर्मेंद्र राय गिरोह के गुर्गे गिरफ्तार, कोर्ट बम ब्लास्ट मामले में खोज रही थी पुलिस

कुख्यात धर्मेंद्र राय गिरोह के गुर्गे गिरफ्तार, कोर्ट बम ब्लास्ट मामले में खोज रही थी पुलिस

CHAPRA : छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव के पास पुलिस ने धर्मेंद्र राय गिरोह के दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। दोनों अपराधियों को 27 अगस्त, सोमवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सड़क पुल के पास लूटपाट की योजना बनाते समय गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के अन्य सदस्य फरार होने में कामयाब हो गये। दोनों अपराधी अपने सहयोगियों के साथ गड़खा के एक आभूषण व्यवसायी को लूटने की फिराक में थे तभी गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया।

लूट के कई मामलों में थी पुलिस को तलाश

पुलिस इन्हें डालडा व्यवसायी के चालक की हत्या व 12 लाख रुपये के लूट मामले में खोज रही थी। दोनों अपराधी जेल में बंद कुख्यात अपराधी धर्मेन्द्र राय गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। सारण एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि गिरफ्तार शिकारी राय जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के अख्तियारपुर गांव का रहनेवाला है तथा संदीप ओझा परसा थाना क्षेत्र के मथुरा गांव का निवासी है। इन दोनों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में हत्या, लूट, डकैती व आर्म्स एक्ट के लगभग तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

बता दें कि 5 अगस्त को डालडा व्यवसायी के चालक की हत्या कर 12 लाख रुपये लूट लिए गये थे। इसके पहले 23 जुलाई को दरियापुर में पेट्रोल पंप कर्मी की हत्या कर 2 लाख 80 हजार रुपये लूटे गये थे। पिछले वर्ष गड़खा फोर लेन के पास कैश वैन के गार्ड की हत्या कर बंदूक लूट लिया गया था और दो करोड़ रुपये की राशि लूटने का प्रयास किया था।

जुर्म की दुनिया के पुराने खिलाड़ी हैं दोनों

दोनों अपराधियों के जुर्म की फेहरिस्त काफी लंबी है। पिछले साल जुलाई माह में गड़खा के पहाड़पुर के पास एक अधिवक्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। परसा में चौकीदार की हत्या की गयी थी। इसके अलावा गड़खा में ही गैस एजेंसी में गोलीबारी कर 2 लाख 89 हजार रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। दो वर्ष पूर्व छपरा कोर्ट में बम विस्फोट कराने में शिकारी राय की अहम भूमिका थी। मढ़ौरा में एलआइसी के कैश वैन से 11 लाख रुपये की लूट की वारदात को संदीप ओझा ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। 

कई राज्यों की पुलिस खोज रही थी

संदीप ओझा और शिकारी राय को कई राज्यों की पुलिस तलाश रही थी, जिसमें छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल व झारखंड, उत्तराखंड, हरियाणा व पंजाब की पुलिस मुख्य है। 

पहले दोनों चेक सिंह गिरोह के सदस्य थे

शिकारी राय और संदीप ओझा पहले चेक सिंह गिरोह के सदस्य थे। बाद में चेक सिंह आपसी मुठभेड़ में मारा गया। चेक सिंह के मारे जाने के बाद दोनों धर्मेन्द्र राय के संपर्क में आ गए थे। उस समय धर्मेन्द्र राय और अरूण कुमार साह एक साथ काम करते थे। धर्मेन्द्र राय और अरूण कुमार साह के बीच विवाद होने के कारण शिकारी राय और संदीप ओझा धर्मेन्द्र राय के साथ आ गये। 

धर्मेन्द्र राय के कहने पर ही शिकारी राय ने खुशबू कुमारी को बम विस्फोट कराने के लिए कोर्ट में लाया था और उस दिन अरूण कुमार साह की कोर्ट में पेशी होने वाली थी। अरूण को ही मारने की योजना थी लेकिन पहले ही बम विस्फोट हो गया जिसमें खुशबू कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गयी थी।

लूटपाट के रुपयों से करते मौजमस्ती

पुलिस ने जांच में पाया है कि लूट की रकम को पटना जाकर दोनों अपराधी अपने-अपने भाई के खाते में जमा करते। साथ ही लूट के पैसों से हवाई जहाज का टिकट खरीद कर कोलकाता जाते और वहां से दिल्ली व अन्य स्थानों पर जाकर मौज-मस्ती करते।


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