DHANBAD : केंद्रीय कोयला मंत्री सतीश चंद्र दुबे का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह सोफे पर बैठे हैं और एक व्यक्ति उनके पैरों से जूते निकाल रहा है। अब जरा उस व्यक्ति का परिचय भी जान लें। मंत्री के जूते उतार रहा यह व्यक्ति कोई चपरासी नहीं, बल्कि मुनीडीह कोल माइंस के महाप्रबंधक अरिंदम मुस्तफी हैं। जूते उतारने का वीडियो वायरल होने के बाद अब केंद्रीय मंत्री के इस हरकत को कांग्रेस ने शर्मनाक करार दिया है, साथ ही जीएम को चापलूस बताया है।
दरअसल, केंद्रीय कोयला मंत्री बनने के बाद सतीश चंद्र दुबे पहली बार धनबाद पहुंचे थे। इस दौरान कोयला मंत्री ने बीसीसीएल की कई कोल परियोजनाओं का जायजा लिया. इसी कड़ी में मंत्री मुनिडीह अंडर ग्राउंड माइंस का भी जायजा लेने पहुंचे. अंडर ग्राउंड से बाहर आने के बाद वह मुनीडीह जीएम कार्यालय के वेटिंग रूम में पहुंचे, जहां महाप्रबंधक (जीएम) अरिंदम मुस्तफी ने खुद केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे के जूते उतारे।
जीएम ने मंत्री के पैरों से जूता उतारने के बाद अपने हाथों से उसे दूसरे को ले जाने के लिए दिया. यही नहीं मंत्री के पैजामा का नाड़ा ढीला हो गया तो खुद बीसीसीएल के अधिकारी ने उसे बांधा
वीडियो लेने से करते रहे मना
हालांकि केंद्रीय मंत्री के इस हरकत के दौरान बीसीसीएल अधिकारियों ने मीडिया को फोटो खींचने से भी मना किया, लेकिन तब तक सारा माजरा कैमरे में कैद हो चुका था. वहीं मंत्री का वीडियो वायरल होने के बाद धनबाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने निशाना साधा है.
कांग्रेस ने कहा - डूब मरनेवाली बात
उन्होंने कहा, "मंत्री का जूता अगर एक जीएम उनके पैरों से निकालें, तो यह डूब मरने वाली बात है. हालांकि, मंत्री भी जूता उतरवा रहें हैं. जीएम साहब और बड़े अधिकारी या सीएमडी बनने का काम किया है. जीएम साहब को फौरन बीसीसीएल का सीएमडी बना देना चाहिए. बीसीसीएल के ऐसे अधिकारी जो भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं वह अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे ही मंत्री के अवभागत और चापलूसी में लगे रहते हैं."
सतीश चंद्र दुबे ने झारखंड सरकार पर लगाए आरोप
कोयला मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने झारखंड में बिजली की समस्या पर राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की समस्या के लिए झारखंड सरकार ही जिम्मेदार है. देश की जीडीपी में कोल इंडिया की 10 प्रतिशत की सहभागिता है. कोल इंडिया दिन प्रतिदिन विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है."
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य है कि कोल इंडिया के कोयला से पूरा देश रोशन है, लेकिन झारखंड में बिजली की समस्या यथावत बनी हुई है. प्रदेश की सरकार बिजली खरीद ही नहीं पाती, जिस पावर सेक्टर से बिजली खरीदना है, उसे झारखंड सरकार पेमेंट ही नहीं कर पाती है."