PATNA : बिहार में जदयू और राजद के बीच जिस तरह से खिंचातानी मची हुई है, उसके बाद मौजूदा सरकार के गिरने के कयास लगने शुरू हो गए हैं। जहां जदयू की तरफ से सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं सुधाकर सिंह को भाजपा का एजेंट तक बता दिया गया है। जिसको लेकर अब भाजपा नेता व एमएलसी नवल किशोर यादव ने सुधाकर सिंह को बीजेपी का एजेंट बताने पर आपत्ती जताते हुए कहा कि वह कब बीजेपी में थे, यह भी किसी को याद नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि हमारी पार्टी का स्टैंडर्ड इतना खराब नहीं है कि वह सुधाकर सिंह का इस्तेमाल करें। जहां तक जदयू को नुकसान पहुंचाने की बात है तो उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान खुद उपेंद्र कुशवाहा ने पहुंचाया था। चुनाव में 16 सीटें ऐसी थी, जिसमें उपेंद्र कुशवाहा के कारण जदयू को हार का सामना करना पड़ा। इनमें औरंगाबाद, सासाराम, भभुआ जिले की सीटें भी शामिल हैं। उपेंद्र कुशवाहा ऐसे नेता हैं जो हटकर नहीं, बल्कि सटकर मारते हैं।
जनता ले रही है हल्के में
नवल किशोर यादव ने कहा कि इस पूरी यात्रा में यह देखा जा रहा है कि हर जगह सीएम का विरोध किया जा रहा है। हर जगह उन्हें लोग काला झंडा दिखा रहे हैं। जनता उन्हें हल्के में ले रही है। यही कारण है कि नीतीश कुमार इस यात्रा में किसी जनता से मिलने नहीं जा रहे हैं।
जल्द सरकार गिर जाएगी
नवल किशोर यादव ने कहा कि बिहार में सरकार के गिनती के दिन बचे हैं। जल्द ही नीतीश कुमार की विदाई हो जाएगी और उन्हें आश्रम जाना पड़ेगा। यह आश्रम उन्हें और कोई नहीं बल्कि खुद उनके बड़े भाई और भतीजा भेजेंगे। जहां तक नीतीश कुमार के फिर से भाजपा के साथ आने की बात है तो यहां उनके लिए अब तमाम रास्ते बंद हो गए हैं।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा को हर दिन नया नाम दिया जा रहा है। कभी उसे व्यवधान यात्रा कहा जाता है, कभी विदाई यात्रा और समस्या यात्रा के नाम से पुकारा जाता है, अब नीतीश कुमार के इस यात्रा का नया नाम भी दे दिया गया है। भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने समाधान यात्रा का नया नामकरण करते हुए इसे नीतीश कुमार की बैचेन यात्रा बताया है।
भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार को जिस तरह से उनके ही गठबंधन यात्रा के पार्टियों द्वारा नाइट वाचमैन, भिखमंगा और कई तरह की भाषाओं का इस्तेमाल कर बोला जा रहा है, उससे वह बहुत ही बैचेन हैं, यही कारण है कि वह अपना मन बहलाने के लिए ऐसी यात्रा पर निकल रहे हैं। आखिर ऐसी यात्रा का क्या मतलब है, जिसमें वह किसी जनता से मिलते तक नहीं है। दिन भर पुलिस प्रोटेक्शन में घूमना है और शाम को घर चले जाते हैं।