उत्तराखंड टनल हादसा :100 घंटे से सुरंग में फंसे मजदूरों में कई हैं बिहारी, परिजनों की बढ़ी चिंता, सरकार से लगाई गुहार

उत्तराखंड टनल हादसा :100 घंटे से सुरंग में फंसे मजदूरों में

पटना. उत्तराखंड के उत्तरकाशी के बड़कोट में टनल में फंसे मजदूरों को अब 100 घंटे से ज्यादा हो चुका है. लेकिन गुरुवार को भी उन्हें सुरंग से बाहर निकालने में सफलता नहीं मिली.  रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. वहीं इस टनल हादसा के सामने आने के बाद इसमें फंसे मजदूरों की जो पहचान हुई है उसमें कई बिहार मूल के हैं. वहीं करीब 15 मजदूर झारखंड के हैं जबकि बंगाल के 4, उत्तराखंड के 2, हिमाचल का 1, उत्तर प्रदेश के 8, असम के 2, उड़ीसा के 5 मजदूर शामिल हैं.

उत्तराखंड टनल हादसा में जो बिहार के मजदूर हैं उनकी पहचान हो गई है. उत्तराखंड सरकार की तरफ से जारी लिस्ट के मुताबिक फंसे हुए बिहार के मजदूरों में एक का नाम विरेन्द्र किसकू है। वीरेंद्र मूल रूप से बिहार में बांका जिले कटोरिया के तेतरिया गांव का रहने वाला है. वहीं एक अन्य मजदूर सुशील कुमार मूल रूप से चंदनपुर गांव का निवासी है. उसके पिता का नाम राजदेव विश्वाकर्मा बताया जा रहा है. तीसरे श्रमिक सोनू शाह मूल रूप से साहनी गांव के हैं जो स्वालीया शाह का पुत्र है. 

वहीं बिहार के भोजपुर जिले के पेउर गांव के निवासी सबाह अहमद चौथे मजदूर हैं जो मिस्बाह अहमद के पुत्र हैं. सुरंग हादसा के 100 घंटे से ज्यादा हो जाने के बाद भी अभी तक मजदूरों की सकुशल वापसी नहीं होने से अब परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. इनमें कई मजदूर ऐसे हैं जो अपने परिवार के पूरा भरण पोषण कर रहे हैं. अब उनके टनल में फंसे होने की खबर मिलते है ही परिवार वालों की चिंता बढ़ी हुई है. वे सरकार से अपने परिजनों को जल्द निकालने की अपील कर रहे हैं. 

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इस बीच, रेस्क्यू में आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन की टीम भी शामिल है. कई अन्य तरह की तकनीकी मदद भी ली जा रही है ताकि सबकी जान बच सके. सुरंग में ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. साथ ही खाना और पानी भी भेजा गया है. बवजूद इसके घटना के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक 40 मजदूरों को निकाला नहीं जा सका है.