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चाची सोनिया गांधी के संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं वरुण गांधी, इस पार्टी से टिकट मिलने की चर्चा तेज

चाची सोनिया गांधी के संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं वरुण गांधी, इस पार्टी से टिकट मिलने की चर्चा तेज

DESK : यूपी में मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अभी तक भाजपा ने उनके नाम पर मुहर नहीं लगाई है। वहीं टिकट नहीं मिलने पर वरुण गांधी के पीलीभीत निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चा भी तेज है। इसी बीच अब यह बात सामने आ रही है कि वरुण गांधी को उनके परिवार के परंपरागत सीट रायबरेली से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। 

रायबरेली से  फिलहाल वरुण की चाची सोनिया गांधी सांसद हैं, लेकिन इस बार उनकी जगह प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की संभावना है। हालांकि अभी तक न तो वरुण और न ही प्रियंका के नाम की घोषणा हुई है। लेकिन अगर दोनों रायबरेली में आमने सामने होते हैं, यहां भाई-बहन के बीच होनेवाला मुकाबला दिलचस्प होगा। 

हर कीमत पर रायबरेली के किले पर कब्जा चाहती है भाजपा

यूपी में रायबरेली ऐसी सीट है, जहां कई दशकों से गांधी परिवार का कब्जा है। 2019 में नरेंद्र मोदी की आंधी में भी भाजपा यह सीट नहीं जीत सकी थी। ऐसे में भाजपा यहां बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। इस बार भाजपा गांधी परिवार के जरिए ही अपनी कमजोरी को दूर करने की जुगत में है। इस खांचे के लिहाज से वरुण गांधी का नाम फिट बैठ रहा है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि कांग्रेस से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं उतरा तो वरुण भी रायबरेली के नाम पर हामी भर सकते हैं। 

सुल्तानपुर की जगह पीलीभीत से मेनका का मौका

वहीं वरुण के वर्तमान संसदीय सीट पीलीभीत से उनकी मां मेनका गांधी को मौका दिया जा सकता है। वहीं मेनका गांधी के संसदीय सीट सुल्तानपुर से किसी स्थानीय चेहरे को भाजपा अपना कैंडिडेट घोषित कर सकती है। बताया जा रहा है कि दो बार सुल्तानपुर में जीत हासिल करने के बाद पार्टी ने जो सर्वे कराया है, उसमें स्थानीय का मुद्दा लोगों ने उठाया है।  इसमें वरियता कुर्मी बिरादरी के दावेदार को मिलने के आसार हैं। हालांकि, अब तक यह महज संभावना है।

कांग्रेस के फैसले पर पार्टी की निगाहें

पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि अंतिम निर्णय हाईकमान को लेना है, लेकिन 22 तक तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट करनी होगी। हालांकि, अभी भी कांग्रेस की ओर से अमेठी व रायबरेली को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई। इस कारण भाजपा भी उचित अवसर का इंतजार कर रही है। अब देखने वाली बात यह होगी की भाजपा मेनका व वरुण गांधी की सीटों में बदलाव करती है या फिर रिपीट, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।


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