पटना। बिहार की सियासत में हर दिन कुछ नयी घटनाएं सामने आती रहती हैं। अब एक नया मसला सामने आ गया है। वह है विधान परिषद के दो सीटों पर हो रहे उप चुनाव के उम्मीदवारों के चयन को लेकर। इन दोनों सीटों के लिए एनडीए की तरफ से वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को एक सीट मिलने की संभावना थी। भाजपा की तरफ से पूर्व समझौते के तहत उन्हें सीट देने का ऑफर भी दिया था। लेकिन, बताया जा रहा है कि मुकेश सहनी ने भाजपा को साफ बता दिया है कि वह शॉर्ट टर्म के लिए विधान परिषद में जाने को इच्छुक नहीं है। सीधे भाषा में कहा जाए तो मुकेश सहनी ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। बता दें दो सीटों में से एक सीट पर भाजपा ने अपने दिग्गज नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
बताया जा रहा है शाहनवाज हुसैन को सुशील कुमार मोदी की खाली हुई सीट पर उम्मीदवार बनाया जा रहा है। जिसमें अभी 41 महीने का कार्यकाल बचा हुआ है। वहीं दूसरी सीट पर विनोद नारायण झा की खाली हुई सीट पर सिर्फ डेढ़ साल का समय बचा हुआ है। मुकेश सहनी को इसी सीट पर उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव था। लेकिन मुकेश सहनी ने साफ कर दिया है कि वह पूरे 72 माह के लिए से विधान परिषद जाना पसंद करेंगे, इसलिए दोनों सीटों में किसी पर वह उम्मीदवार नहीं बनेंगे।
मुकेश सहनी के लिए अब क्या है विकल्प
नीतीश सरकार में मंत्री बने मुकेश सहनी के लिए अब राज्यपाल से मनोनयन की संभावना जताई जा रही है। हालांकि एक दूसरा विकल्प यह भी है कि मुकेश सहनी भाजपा के साथ यह समझौता कर सकते हैं कि डेढ़ साल बाद जब दोबारा विधान परिषद का चुनाव होगा, तो उस सीट पर उन्हें ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। इससे उनके मंत्री पद पर कोई खतरा भी नहीं होगा और 72 की जगह 90 महीने के लिए वह विधान परिषद के सदस्य बने रह सकते हैं।