विधानसभा स्पीकर के आसन पर बैठे विजय कुमार सिन्हा, बता दिया क्यों नहीं दिया था अपना इस्तीफा

PATNA : आज विधानमंडल में महागठबंधन सरकार ने दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। जिसमें आज सबसे पहली कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होनी है। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद आसन पर बैठे विजय कुमार सिन्हा ने कहा मैनें हमेशा से ही यह कोशिश की थी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तालमेल बनाकर रखकर की। इस दौरान उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से लेकर अब तक इस्तीफा नहीं देने की वजह के बारे में भी जानकारी दी।
विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि नई सरकार के गठन होने के बाद मैं अपना इस्तीफा देने की तैयारी कर रहा था. लेकिन इसी बीच नौ अगस्त को मुझे मालूम हुआ कि मेरे खिलाफ विस सचिव को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना भेजी है। उसी दिन सार्वजनिक अवकाश था। पुनः 10 अगस्त को सरकार का गठन होने से पहले ही लोगों ने अविश्वास प्रस्वाव सचिव के कार्यालय में जमा कर दिया। इस परिस्थिति में उनके अविश्वास प्रस्ताव का सही जवाब देना मेरी नैतिक जिम्मेदारी बन गई। क्योंकि जवाब देना जरुरी था। इस दौरान उन्होंने बताया कि नौ लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया था. जिसमें से आठ के प्रस्ताव नियमाकूल नहीं था। एक माननीय सदस्य ललित यादव का प्रस्वाव सही था।
मुझ पर कई आरोप लगे
विजय सिन्हा ने कहा मुझ पर कई आरोप लगे हैं, मनमानी करने का, कार्यशैली को अलोकतांत्रिक रखने का। तानाशाही प्रवृत्ति होने की बात कही गई। उन्होंने वर्तमान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का नाम लेते हुए कहा कि उनका कहना था कि मैंने गौरवशाली परंपरा को शर्मसार किया है। विजय सिन्हा ने कहा कि 20 माह के छोटे से कार्यकाल में मैं सदन में शत-प्रतिशत प्रश्नों का उत्तर आना, पक्ष और विपक्ष को साथ लेकर चलना, माननीय सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर ज्यादा से ज्यादा देने की कोशिश, सदन को डिजीटल करना, यू-ट्यूब लाइव करना, विभागों के गलत उत्तर आने पर उनसे जवाब लेना कैसे तानाशाही हो सकता है, मुझे बताएं।
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले नीतीश कुमार खुद स्पीकर विजय सिन्हा मिलने पहुंचे। उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कैबिनेट के दूसरे मंत्री भी मौजूद थे। चूंकि यह विजय कुमार सिन्हा अभी विधानसभा अध्यक्ष पद पर हैं, ऐसे में दोनों नेताओं की भेंट को सामान्य मुलाकात माना जा रहा है।