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नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी को बताया छलावा, कहा सरकार उनके अधिकारों को फिर से करे बहाल

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी को बताया छलावा, कहा सरकार उनके अधिकारों को फिर से करे बहाल

PATNA : भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ाये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार इनके काटे गए अधिकारों को पुन: बहाल करने की पहल करे। सिन्हा ने कहा कि मुखिया,सरपंच, वार्ड सदस्यों सहित सभी पंचायत प्रतिनिधि जुलाई 2023 से ही अनेक चरणों में प्रदर्शन एवं हड़ताल पर रहे हैं। 

सिन्हा ने कहा की ग्राम पंचायत को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने, मनरेगा में 20 लाख तक की प्रशासनिक शक्ति और भुगतान का अधिकार, आर्म्स लाइसेंस और 73 वां संविधान संशोधन के तहत प्रदत्त 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से सौंपने की मांग मुखिया संघ कर रहा है। पंच-सरपंच संघ भी अपने 11 सूत्री मांग को लेकर आक्रामक है। वार्ड सदस्य भी 9 सूत्री मांग को लेकर असंतुष्ट और निराशा में हैं। सरकार ने इनके अधिकारों में कटौती कर उसे सरकारी कर्मी को हस्तांतरित कर दिया है। सरकार इसे पुन: ग्राम पंचायत को वापस करे। 

सिन्हा ने कहा कि राज्य में मुखिया एवं पंचायत प्रतिनिधि को फर्जी मामलों में फंसाकर सरकार जेल भेज रही है। सैंकड़ों प्रतिनिधियों पर मुक़दमा किया गया है। सरकारी कर्मियों ने पंचायत को भ्रष्टाचार एवं अराजकता की दलदल में धकेल दिया है। इनके द्वारा किए जा रहे पाप को जन प्रतिनिधि भुगत रहे हैं। सरकार शीघ्र समीक्षा करे और मुखिया सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों पर मुक़दमा को वापस ले। सिन्हा ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में मामूली वृद्धि निराशाजनक है। अभी भी देश के अन्य राज्यों में इनका मानदेय केंद्र सरकार की राशि मिलाकर औसतन 15 हज़ार रूपया प्रतिमाह है। बिहार सरकार भी आंगनबाड़ी सेविका का 10 हज़ार रूपया तथा सहायिका का 7 हज़ार रूपया प्रतिमाह मानदेय निर्धारित करे। 

सिन्हा ने कहा कि राजद ने कभी भी पंचायती राज संस्था का सम्मान नहीं किया। खजाना लूटने वाला औऱ जंगल राज लाने वाले लोग संविधान को नहीं मानते हैं। पंचायत के प्रतिनिधियों को संविधान प्रदत्त अधिकारों में कटौती, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान औऱ संवैधानिक संस्थाओं में हस्तक्षेप को ये अपना अधिकार समझते हैं। यदि पंचायत प्रतिनिधियों को संविधान प्रदत्त अधिकारों को पुनः बहाल नहीं किया जायेगा तो इसके विरुद्ध भाजपा जनांदोलन की शुरुआत करेगी। भाजपा के सरकार में आने पर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार को पुनः बहाल किया जायगा। साथ ही उन पर दायर फर्जी मुकदमों की भी समीक्षा होगी। जिन भ्रष्ट अधिकारियों ने अपना दोष जनप्रतिनिधियों पर थोपा है उन्हें भी दंडित किया जायेगा।

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