नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने राजद सुप्रीमो को दी सलाह, कहा उम्र के आखिरी पड़ाव पर राजनीति से करे परहेज

PATNA : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने लालू प्रसाद की बढ़ रही राजनीतिक सक्रियता पर सलाह देते हुए कहा है कि उम्र के आखिरी पड़ाव पर उन्हें राजनीति से परहेज कर भगवत ध्यान में मन लगाना चाहिए। सिन्हा ने लालू प्रसाद के प्रधानमंत्री पर मणिपुर के संदर्भ में वयान पर कहा कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मणिपुर सहित उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास एवं उन्हें देश की मुख्य धारा में जोड़ने हेतु भगीरथ प्रयास किया है। परिणाम लोगों के सामने है कि भाजपा का परचम उत्तर पूर्व राज्यों में लहराने लगा है। लालू प्रसाद यादव को तो बिहार की बर्बादी का नायक होने का न तो पश्चाताप है न ही बिहार के प्रति कोई संवेदना। यदि ऐसा होता तो उनका प्रथम कर्तव्य था कि वे बिहार की जनता से माफ़ी मांगते।
सिन्हा ने कहा कि हम सभी और राज्य के लोग लालू यादव के गिरते स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहते है। भगवान ने अब उनके स्वास्थ्य को पहले से बेहतर बना दिया है।इसको बरकरार रखने हेतु आवश्यक है कि लालू प्रसाद यादव अपना समय भगवत भजन औऱ समाज सेवा में लगाये। अभी अच्छा अवसर भी आया है कि कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बिहार में प्रवचन होने जा रहा है। इसमें सम्मिलित होकर इन्हें लाभ उठाना चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर हैं। बिडम्बना है कि जिन लोगों ने इन्हें जेल पहुँचाने का काम किया औऱ राजनीतिक रूप से पूरे देश में कलंकित कराया, आज वे लोग इनके साथ हैं। घर में बैठे इनके ये दुश्मन फिर कब इनको पटकेंगे। इसका अंदाजा आसानी से लगाना मुश्किल है। इनके पुत्र को मुख्यमंत्री का गद्दी सोंपने का वादा करने वाले अब मुकर गये हैं। लालू यादव ने अपनी राजनीतिक समझ में ही अपने दुश्मन को पलटूराम की उपाधि दी थी। लेकिन लोभबस फिर उसी दलदल में फंस गए।
सिन्हा ने कहा कि लालू यादव को बिहार की बर्बादी का अनुभव अपने संतानों के साथ साझा करनी चाहिए। वे अवगत हैं कि किस प्रकार उनके15 वर्षीय शासनकाल में अपराध, भ्रष्टाचार, हत्या, लूट, अपहरण सरकार की प्राथमिकता रही है और विकास ध्वस्त हो गया था। सगे संबंधियों, अवसरबादी नेताओं, अपराधियों, माफियाओं के गठजोड़ से बिहार में जातीय नरसंहार एवं अराजकता फैल गई थी। इन सब का स्मरण कर अपने बच्चों को वताएँ कि अब इन सब से दूर रहना है।
सिन्हा ने कहा कि अब समय आ गया है कि लालू यादव को बिहार के हित में धृतराष्ट्र की भूमिका से बाहर निकलना चाहिए। अपने बच्चों के अलावा बिहार के करोड़ों बच्चों की ये चिन्ता करें। मानव का स्वभाव है कि अपनी गलतियों से सबक ले औऱ आगे उसे नहीं दुहरायें। समाज को बांटने की जिस धारा पर चले थे। आज इनके साथ में चलने वाले उसी रास्ते पर चल रहे हैं। यह तो निश्चित है कि पलटूराम एकबार फिर इन्हें धोखा देंगे। वे न ही प्रधानमंत्री बनेंगें न ही तेजस्वी के लिए गद्दी छोड़ेंगे। 2024 में नरेन्द्र मोदी ही तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेगें। 2025 में उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा बिहार में चुनाव लड़ेगी और नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का समापन करेगी।