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सीएम नीतीश के गृह जिले में एक अदद पुल के लिए तरस रहे ग्रामीण, नाव बना 4 गाँव के लोगों के आने-जाने का सहारा

सीएम नीतीश के गृह जिले में एक अदद पुल के लिए तरस रहे ग्रामीण, नाव बना 4 गाँव के लोगों के आने-जाने का सहारा

NALANDA : नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गिरियक प्रखंड के गाजीपुर पंचायत के लोग आज भी 50 साल पीछे के इतिहास में जीने को मजबूर है। आज भी यह गांव अंग्रेजों की याद को ताजा करता है। दरअसल गांजीपुर पंचायत के सकूची सराय से सकुची डीह गांव के बीच सकरी नदी बहती है। जिसमें सालों भर पानी जमा रहता है। सैकड़ो ग्रामीण रोजाना हर काम के लिए सकरी नदी को पार करना पड़ता है। जिसके लिए एकमात्र साधन नाव ही सहारा है। 

ग्रामीणों ने बताया कि हर साल लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के वक्त सांसद और विधायक इस सकरी नदी पर पुल बनाने को लेकर आश्वासन तो देते हैं लेकिन उनका यह आश्वासन चुनाव जीतने के बाद हवा हवाई हो जाती है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि स्कूल बच्चे पढ़ने और ग्रामीण हर काम के लिए एक गांव से दूसरे गांव रोजाना पार करते हैं। 

ग्रामीणों ने बताया की उनके द्वारा ही सौ सौ रुपया चंदा करके ही नाव खरीदा गया है। रोजाना सैकड़ो बच्चों को स्कूल जाने के लिए इसी नाव का सहारा लेना पड़ता है। स्कूल जाने के वक्त हमेशा बच्चों के जान हलक में अटका होता है। ग्रामीण ने बताया कि मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री, मंत्री श्रवण कुमार नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार और राजगीर विधायक कौशल किशोर से पूल निर्माण को लेकर मिन्नते भी की गई। लेकिन इस पर इन जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी कोई ठोस पहल नहीं की गई।

ग्रामीणों ने बताया कि राजगीर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चालीस सालों तक रहे तत्कालीन विधायक सत्य नारायण आर्य और वर्तमान में जदयू विधायक कौशल किशोर से इस सकरी नदी पर पुल बनाने की शिकायत की गई है। लेकिन इन जनप्रतिनिधियों के कान पर जूं नहीं रेगती है।

नालंदा से राज की रिपोर्ट

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