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बांका में पीने के पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग को किया जाम

बांका में पीने के पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग को किया जाम

BANKA : जिले के रजौन  में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से उत्पन्न पेयजल संकट ने पीएचईडी विभाग और सरकार की महत्त्वाकांक्षी  नल जल योजना की पूरी तरह पोल खोल कर रख दी है। बूंद बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे मोरामा-बनगांव पंचायत के केवाड़ी गांव के ग्रामीणों का आक्रोश सोमवार को सड़क पर उतर आया। महिलाओं व बच्चे-बूढ़े, नौजवानों की भारी भीड़ पुंसिया बाजार स्थित मध्य विद्यालय के सामने पहुंचकर भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया और प्रशासन सहित पीएचईडी विभाग और  पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध में जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। आक्रोशित ग्रामीणों में छोटू यादव, मिथुन कुमार, संतोष रावत, कर्मवीर यादव, मनोरमा देवी, मुन्नी देवी, नीलम देवी, रूबी देवी, आशा देवी, रानी देवी, धानू देवी सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गांव के एक सरकारी चापाकल पर पूरा गांव आश्रित है। 

इस गांव में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल के लाभ से ग्रामीण शुरू से वंचित है। गांव का सभी निजी चापाकल फेल है, ऐसी स्थिति में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए हैं। अगर यही हालत रही तो यहां के ग्रामीण प्यासे मर जाएंगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि पीएचइडी विभाग सहित स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान हम ग्रामीणों की ओर से पूरी तरह उपेक्षित है। मजबूर व बेबस होकर हमें सड़क पर उतरना पड़ा है। 

वही मामले को संज्ञान में लेते हुए रजौन प्रखंड विकास पदाधिकारी  राज कुमार पंडित और पंच्याती राज पदाधिकारी  दीपशिखा  घटना स्थल पर पहुंच कर मामला को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही पानी की समस्या से  निजात दिलाने आश्वासन दिया।  ग्रामीणों को काफी समझा बुझा कर करीब चार घंटे के बाद जाम को छुड़ाया गया इधर भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो जाने से भीषण गर्मी के बीच आम यात्रियों सहित दूर-दराज तक यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के दोनों ओर छोटी बड़ी वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है। बांका जिला के लगभग सभी गांव की हालात कमोबेश ऐसी ही है। पीएचइडी विभाग अपने कानों में तेल लेकर पूरी तरह सोई हुई है। हालात यह है कि बांका जिला के शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों का सरकारी चापाकल भूमि का जल स्तर अत्यंत नीचे चले जाने से अब पानी देना एक तरह से बंद कर दिया है। जो चापाकल फिलहाल ठीक है, वह भी अंतिम सांसे गिनने जैसी स्थिति में आ गई है। भीषण गर्मी के बीच गांवों में पेयजल के लिए त्राहिमाम मचने लगा है। कई सरकारी व गैर सरकारी नलकूप फिर से जीर्णोद्धार की बाट जोह रही है।

वही पीएचइडी विभाग के सहायक अभियंता नीतीश कुमार ने  भी मौके पर पहुंच कर आश्वासन दिया कि खराब पड़े चापाकल को दुरुस्त करने का कार्य जारी है। कार्य में और तेजी लाई जाएगी। पानी  का जलस्तर नीचे चले जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। विभाग अपने स्तर से कार्य शुरू करेगी। जल्द ही समस्या का समाधान। हो जायेगा। 

बांका से चन्द्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट

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