PATNA : सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस को लेकर मुंबई और बिहार पुलिस के बीच विवाद गहराता जा रहा है। आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई में क्वारेंटीन किए जाने के खिलाफ बिहार पुलिस के आईजी ने बीएमसी के चीफ को पत्र लिखकर विरोध किया था। इसके साथ ही इस पत्र के जरिए आईपीएस अधिकारी को मुक्त करने की मांग भी की गई थी। लेकिन अब खबर आ रही है कि बीएमसी ने बिहार सरकार के अनुरोध को नकार दिया है। बीएमसी ने पत्र का जवाब भी पटना पुलिस को भेज दिया है जिसमें साफ तौर पर बिहार पुलिस के अनुरोध को ठुकरा दिया गया है।
इसकी जानकारी बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने खुद ट्वीट करके दी है। इसके साथ डीजीपी काफी खफा है। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि बिहार पुलिस बीएमसी के निर्णय के खिलाफ कोर्ट जाएगी। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा है कि हमें आशंका है कि बीएमसी हमारे एसपी के साथ कुछ भी कर सकता है। उन्होंने आगे बताया कि हमने बीएमसी से पत्राचार करके अनुरोध किया था लेकिन बीएमसी ने हमारे अनुरोध को नकार दिया।
पटना IG ने BMC के चीफ़ को पत्र लिखकर IPSविनय तिवारी को कोरंटिन करने का विरोध करते हुए उनको मुक्त करने का अनुरोध किया था जिसको ठुकरा दिया गया है.BMC ने पत्र का जबाब भी पटना पुलिस को भेज दिया है.यानि हमारे SP विनय तिवारी अब 14 दिन तक वहीं क़ैद रहेंगे.BMCका यह फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण! pic.twitter.com/ZHLfeZMGoo
— IPS Gupteshwar Pandey (@ips_gupteshwar) August 5, 2020
बिहार के डीजीपी ने ट्वीट करके लिखा है - पटना आईजी ने टीएमसी के चीफ को पत्र लिखकर आईपीएस विनय तिवारी को क्वॉरेंटाइन करने का विरोध करते हुए उनको मुक्त करने का अनुरोध किया था जिस को ठुकरा दिया गया है। बीएमसी ने पत्र का जवाब भी पटना पुलिस को भेज दिया है। यानि हमारे एसपी विनय तिवारी अब 14 दिन तक वही कैद रहेंगे। गेम दिखाइए फैसला दुर्भाग्यपूर्ण!
बता दें कि बिहार पुलिस की जांच के लिए मुंबई का ही आईपीएस विनय तिवारी को मुंबई पहुंचते ही ज्यादा दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया था। जिसके बाद से बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस के बीच विवाद छिड़ गया है। मुंबई पुलिस के कारनामों की सभी ओर हो रही है।