BAGAHA : तापमान बढ़ने के साथ ही विटीआर के जंगल में आग लगने की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. वीटीआर के कई कक्षों के जंगल जल चुके हैं. इससे दुर्लभ जड़ी, बूटियां नष्ट हो गई हैं. वन विभाग के लोग फायर सीजन शुरू होने से पहले तमाम दावे करते हैं. लेकिन अराजक तत्वों ने वाल्मीकिनगर गोल चौक से सटे संत जेवियर्स के पीछे त्रिवेणी नहर के जंगल में आग लगा दी. जिससे लगभग दो एकड़ जंगल का हिस्सा आग की चपेट में आ गया. आग लगने से अनेक कीमती जड़ी बूटी तथा पेड़-पौधे जलकर राख हो गए. अनेक प्रजातियों के छोटे-छोटे पौधे भी जल गए. देखते ही देखते आग ने जंगल के एक बड़े हिस्से को चपेट में ले लिया और पूरा क्षेत्र धुएं से भर गया. तेज हवाओं के कारण आग फैल चुकी थी.
काफी मशक्कत के बाद संत जेवियर्स स्कूल के शिक्षक एवं छात्रो ने आग पर काबू पाया. समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो बड़ा नुकसान हो सकता था. दावानल से जहां वन संपदा तबाह हो रही है, वहीं वन्य प्राणी भी अकाल मौत के मुंह में समा रहे हैं. आस-पास के क्षेत्रों में लगातार आगजनी के मामले आ रहे हैं. हाल ही में जंगल व आसपास के क्षेत्र में आगजनी से झाड़ियां राख हो गईं. जंगल में आग को लेकर वन विभाग भी असहाय बना हुआ है. विभाग को जानकारी तब लगती है जब आग जंगल को चपेट में ले लेती है. अभी तक कुछ हिस्से में आग अपना तांडव दिखा चुकी है. जंगल के दूर-दराज क्षेत्रों में आग की घटना के गिने-चुने मामले ही देखे जा सकते हैं.
नई घास की चाह में जो शरारती तत्व आग लगा रहे हैं वे यह बात भूल जाते हैं कि आग जंगलों को राख कर रही है. साथ ही जंगल में उगने वाली जड़ी-बूटियों और जंगल में रह रहे वन्य प्राणियों के लिए भी यह आग घातक सिद्ध हो रही है. गर्मी बढ़ते ही आगजनी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. जंगल में धरती के भीतर रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के कई कीट-पतंगे जलकर नष्ट हो चुके हैं. सबसे ज्यादा नुकसान जमीन के अंदर रहने वाले वन्य जीवों खरगोश, सांप, मेंढक, झिगुर समेत कई कीट प्रजातियां अंडों समेत जलकर राख हो गई. आग की विकराल घटनाओं को देखते हुए वन विभाग के कर्मचारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. अगले चार दिन तक मौसम शुष्क रहने के कारण गर्मी और अधिक बढ़ने की संभावना है. इससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
बगहा से माधवेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट