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वाह रे मोदी सरकार ! राहुल गांधी पर कार्रवाई और भाजपा सांसद पर मेहरबानी ... बिहार के कांग्रेस एमएलसी ने केंद्र को घेरा

वाह रे मोदी सरकार ! राहुल गांधी पर कार्रवाई और भाजपा सांसद पर मेहरबानी ... बिहार के कांग्रेस एमएलसी ने केंद्र को घेरा

पटना. राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर कांग्रेस की ओर से लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेरा जा रहा है. कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को इसी मुद्दे पर केंद्र से पूछा कि क्या कानून सिर्फ कांग्रेस के नेताओं पर लागू होता है और बीजेपी के नेताओं पर नहीं लागू होता है? उन्होंने सवाल किया कि जिस प्रकार की तत्परता राहुल गांधी के मामले में दिखाई गई वैसी जल्दबाजी सजायाफ्ता भाजपा सांसद के मामले में क्यों नहीं दिखाई गई? 

प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि मैं लोकसभा के स्पीकर से जानना चाहता हूं कि जिस कानून के फैसले को लेकर राहुल गांधी की संसद की सदस्यता 24 घंटे के अंदर समाप्त कर दी गई और घर खाली करने का नोटिस भी दे दिया. वैसे ही मामले में गुजरात के अमरेली के सांसद नारंग भाई कछारिया को 2016 में कोर्ट ने 3 साल की सजा दी लेकिन उन पर मोदी सरकार ने मेहरबानी दिखाई. भाजपा सांसद ने एक दलित अधिकारी को चेंबर में घुसकर पीटा था. वे कनविक्टेड हुए लेकिन उन्हें तब मोदी सरकार ने न तो त्वरित कार्रवाई करते हुए संसद सदस्यता समाप्त की और ना ही घर खाली कराया.  क्या लोकसभा के स्पीकर इस पर जवाब देंगे?  प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि हमारा सवाल यही है कि दोहरा मापदंड क्यों हैं? सजायाफ्ता बीजेपी के सांसद पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? 

दरअसल, नारंग भाई कछारिया को भले 2016 में सजा हुई थी लेकिन बाद में उन्होंने इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया. हालांकि हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल, 2016 को कोर्ट ने उन्हें राहत देने से मना कर दिया. बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस एन वी रमना की बेंच ने काछडिया की सजा का खारिज कर दिया. कोर्ट ने यह फैसला सांसद और डॉक्टर के बीच हुए समझौते के बाद किया. इसमें सांसद ने बिना शर्त पीड़ित को मुआवजा देने और भविष्य में अच्छा आचरण करने का वादा भी किया ताकि उनकी सदस्यता बच जाए. हालांकि इसी मामले को लेकर कांग्रेस नेता ने सवाल किया है कि आखिर उस समय केंद्र और स्पीकर ने भाजपा सांसद के मामले में जल्दबाजी क्यों नहीं दिखाई थी. 

वहीं बिहार में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा राहुल गांधी पर दिए बयान पर प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि फैसला कोर्ट को करना है. लेकिन सुशील कुमार मोदी को पहले से यह कैसे मालूम हो गया कि राहुल गांधी को सजा होगी. ऐसे में यह जांच का विषय है? कोर्ट के फैसले की जानकारी सुशील मोदी को पहले कैसे हो जाती है इस पर सुशील मोदी स्थिति स्पष्ट करें.


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