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लालू नीतीश में आखिर क्या हुई डील ! लोकसभा चुनाव में राजद के निशाने पर नहीं हैं बिहार के CM

लालू नीतीश में आखिर क्या हुई डील ! लोकसभा चुनाव में राजद के निशाने पर नहीं हैं बिहार के CM

PATNA: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। सभी पार्टियां जोरो शोरो से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। एनडीए की ओर से जहां कई दिग्गज नेता चुनावी प्रचार के लिए बिहार आ रहे हैं। तो वहीं राजद की ओर से एनडीए नेताओं का मुकाबला अकेले नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कर रहे हैं। वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने चुनाव प्रचार का दायरा अपनी दोनों बेटियों तक ही सीमित कर लिया है। सारण लोकसभा सीट से लालू यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ रही हैं तो वहीं पाटलिपुत्र से उनकी बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में है। लालू यादव दोनों बेटियों को जिताने के लिए भरपुर कोशिश कर रहे हैं। 

सीएम नीतीश नहीं तो कौन हैं लालू के निशाने पर

तो वहीं अपने खावी समय में लालू यादव ने अपनी सियासी बयानबाजियों को सोशल मीडिया के द्वारा लोगों के बीच रख रहे हैं। लालू यादव इन दिनों सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय हैं। वहीं चुनावी मैदान में तेजस्वी यादव सत्ता पक्ष के लोगों को पानी पिला रहे हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि राजद सुप्रीमो हो या नेता प्रतिपक्ष इन दोनों के ही निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं है। नीतीश कुमार ने चुनाव से मात्र 3 महीने पहले महागठबंधन को छोड़ बिहार में एनडीए की सरकार बना ली, इसके बावजूद लालू और तेजस्वी यादव के निशाने पर नीतीश कुमार नहीं हैं। वहीं नीतीश कुमार अपनी हर सभा में लालू परिवार पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। बावजूद इसके लालू परिवार सीएम नीतीश को लेकर चुप्पी साधी रखी है। तो आखिरी तेजस्वी यादव और लालू यादव के निशाने पर कौन है।

पीएम मोदी पर लगातार हमला बोल रहा विपक्ष 

दरअसल, लालू यादव और तेजस्वी यादव इन दिनों सिर्फ पीएम मोदी को ही निशाने पर ले रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पीएम मोदी आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं संविधान को समाप्त करना चाहते हैं। वहीं इस बार बाकी लोकसभा चुनाव की तुलना में कम मतदाता मतदान कर रहे हैं। कम मतदान होने के कारण को लालू यादव और इंडी अलाइंस के लोग पीएम मोदी के खिलाफ लोगों के बीच आक्रोश को मान रहे हैं। तो वहीं बीजेपी का दावा है कि केवल उनके मतदाता ही चुनाव में मतदान कर रहे हैं। वहीं तेजस्वी यादव का भी दावा है कि इस बार लोकसभा चुनाव के रिजल्ट चौकाने वाले होंगे। हालांकि अब परिणाम क्या होता है ये तो 4 जून को ही पत्ता चलेगा जब चुनाव परिणाम आएंगे। 

लालू यादव का ट्विट वार

लालू यादव एक के बाद एक ट्विट कर पीएम पर निशाना साध रहे हैं। लालू यादव ने आज ट्विट कर कहा है कि, "नौकरी-रोजगार शिक्षा-स्वास्थ्य, गरीबी-महंगाई, बेरोजगारी, किसान-नौजवान जैसे शब्द भूल गए है प्रधानमंत्री। " वहीं बीते दिन राजद सुप्रीमो ने ट्विट कर कहा था कि, "प्रणाम देशवासियों! हिंदी भाषा में आज लगभग 1.5 लाख शब्द बताये जाते हैं तथा अध्ययन की सभी शाखाओं में तकनीकी शब्दों को मिलाकर लगभग 6.5 लाख शब्द हैं। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा, सबसे (𝐟𝐚𝐯𝐨𝐮𝐫𝐢𝐭𝐞) शब्द हैं:- पाकिस्तान, श्मशान, क़ब्रिस्तान, हिन्दू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, मछली-मुगल, मंगलसूत्र, गाय-भैंस (ऊपर की लिस्ट पहले दो चरणों के चुनाव होने तक की है। सातवे चरण तक इस लिस्ट में कुछ दो चार नाम और बढ़ सकते हैं) नौकरी-रोजगार, गरीबी-किसानी, महंगाई-बेरोजगारी, विकास-निवेश, छात्र-विज्ञान-नौजवान इत्यादि मुद्दे भूल गए है"। 

 विपक्ष के सवालों में उलझा सत्ता पक्ष  

वहीं लालू यादव और तमाम विपक्ष पीएम मोदी पर संविधान को खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं। लालू यादव ने रोहिणी आचार्य के नामांकन सभा को संबोधित करते हुए संविधान को देखाते हुए कहा था कि, "मेरे हाथ में देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है। इस पर महान विद्वान बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर है। इसी पवित्र ग्रंथ “संविधान” को 𝐁𝐉𝐏 और मोदी सरकार मिल कर नष्ट करना चाहती है। संविधान खत्म कर ये भाजपाई देश के दलितों वंचितों को गुलाम बनाना चाहते है।" वहीं तेजस्वी यादव भी पीएम मोदी पर संविधान और आरक्षण खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं अब आलाम  यह हो गया है कि लालू-तेजस्वी पीएम मोदी पर आरोप लगा रहे हैं और बीजेपी के लोग इसका सफाई देते फिर रहे हैं। इसी कड़ी में संविधान को खत्म करने के मामले में पीएम मोदी ने कहा है कि, अगर उन्हें संविधान को खत्म करना होता तो उनके पास उसके लिए 10 साल बहुत थे।  

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