बिहार विधानसभा में गाली देने की क्या है सच्चाई ... सीएम नीतीश ने आरोपी विधायक से किया जवाब-तलब, सत्यदेव राम का भाजपा पर पलटवार

पटना. बिहार विधानसभा में भाजपा सदस्यों को गाली देने का आरोप झेलने वाले सत्यदेव राम को मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तलब किया. सीएम नीतीश ने उनसे पूरे मामले पर सफाई ली. दरअसल, भाजपा की ओर से आरोप लगाया कि सत्यदेव राम ने सदन में गाली गलौज की. इसके बाद भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन सदन में काफी उत्तेजित दिखे और उनपर माइक तोड़ने का भी आरोप लगा. भाजपा विधायकों ने इसे सदन की गरिमा के खिलाफ बताते हुए सत्यदेव राम के आचरण पर आपत्ति जताई जबकि स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. 

वहीं सीएम नीतीश से मिलने के बाद सत्यदेव राम ने पूरे मामले में सफाई दी. उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने ऐसा कोई आचरण नहीं किया है जो सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं हो. राम ने कहा कि वर्ष 1995 से वे विधायक हैं. उन्हें पता है कि सदन में कैसा आचरण करना चाहिए. उनका अब तक का इतिहास देख लिया जाए उन्होंने कभी भी सदन में अमर्यादित बातें नहीं की है. भाजपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के लखेंद्र रौशन जब नियमावली के बाहर जाकर पूरक प्रश्न कर रहे थे तब स्पीकर उन्हें बैठने और दूसरे सदस्य को बोलने कहा. इसके बाद लखेंद्र रौशन ने माइक को नुकसान पहुंचाया. 

उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे पर जब वे बोल रहे थे तभी भाजपा की ओर से गालीगलौज का आरोप लगाया गया. उन्होंने अपने पर लगे आरोपों को निराधार बताया और भाजपा के लखेंद्र रौशन के माइक पर नुकसान पहुँचाने से पूरे बवाल का कारण बताया. उन्होंने कहा कि सब कुछ कैमरे में रिकॉर्ड है. 

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इसके पहले नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य भाजपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष पर जमकर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग हुआ. इसे लेकर उन्होंने स्पीकर को भी आड़े हाथों लिया.