PATNA: हिसुआ विधायक को कोटा के लिए पास जारी करने को लेकर नवादा एसडीओ को सस्पेंड कर दिया गया है।इस कार्रवाई के बाद बाद नीतीश सरकार पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्षी दलों की बात छोड़िए,बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का संगठन बिहार सरकार के इस निर्णय के विरोध में खड़ा हो गया है। बासा ने इस कार्रवाई पर गहरी नाराजगी जताई और कहा है एसडीओ को बलि का बकरा बनाया गया है।
सबसे पहले डीएम से मिले थे विधायक
जानकार बताते हैं कि हिसुआ विधायक अनिल सिंह ने कोटा जाने को लेकर पास जारी करने के लिए सबसे पहले डीएम से मिले थे।तब डीएम ने इस संबंध मे सदर एसडीओ को अधिकृत बताते हुए उनसे मिलने को कहा था ।इसके बाद बीजेपी विधायक ने नवादा के सदर एसडीओ से मुलाकात की थी। बासा ने भी आरोप लगाया है कि नवादा डीएम की सहमति से हीं एसडीओ ने विधायक का पास जारी किया है,तो फिर सिर्फ एसडीओ पर हीं क्यों कार्रवाई की गई? बासा ने तो यहां तक कह दिया है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो ताकि सच्चाई सबके सामने आए।
क्या अन्य जिलों के डीएम पर कार्रवाई करेगी सरकार?
नवादा एसडीओ के निलंबन से बासा आक्रामक है।संघ का मानना है कि नवादा के सदर एसडीओ अनू कुमार के साथ अन्याय हुआ है।फिर भी सरकार को लगता है कि उन्होंन परमिट जारी कर गलत किया है तो फिर इस तरह के काम करने वाले डीएम पर क्यों नहीं कार्रवाई हो रही? संघ ने कहा है कि बिहार के अन्य ज़िलों में भी कोटा के लिए अनेकों परमिट निर्गत किया गया है । लिहाजा जिन ज़िला पदाधिकारी द्वारा निर्गत अंतर्राज्यीय परमिट को भी संज्ञान में ले तथा उनके विरुद्ध भी कारवाई की जाए....
मुजफ्फऱपुर डीएम मामले में सरकार की चुप्पी
बता दें कि मुजफ्फरपुर के डीएम ने भी 11 अप्रैल को लॉकडाउन के दौरान कोटा से बच्ची को लाने के लिए एक पूर्व पार्षद को पास जारी किया था।इस खुलासे के बाद सरकार बैकफूट पर आ गई है।नवादा सदर एसडीओ के मामले में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।बासा ने बिना नाम लिए वैसे डीएम पर कार्रवाई की मांग की है.संघ का कहना है कि एक तरह के आरोप में जब एसडीओ को सजा मिल सकती है तो फिर डीएम को क्यों नहीं?
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यह खुलासा किया है कि सत्ताधारी जेडीयू नेता को अपनी बेटी लाने के लिए मुजफ्फऱपुर डीएम ने पास जारी किया।ऐसे में सीएम नीतीश कुमार को इन पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।