प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में कैसा बन रहा योग? शुभ या अशुभ!जयोतिषाचार्यो की भविष्यवाणी से उड़ी नींद!

दिल्ली- पीएम मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न यानि 'वृश्चिक राशि' की है. कुंडली में लगन व राशि के स्वामी मंगल हैं. इस योग से मोदी के लिए रोचक महायोग तो बना ही रहे हैं साथ ही चंद्र मंगल योग के साथ पूरे भारत में शत्रुघनता योग भी बन रहा है. मोदी के विरोधी और शत्रु इनका कभी-कभी नुकसान पहुंचाने का कार्य करते हैं लेकिन महायोग के चलते सब कुछ विफल हो जाता है. जन्म कुंडली में शनि की उपस्थिति अत्यधिक रूप में बलवान अवस्था में दिखाई देता है.पीएम मोदी का जन्म मेहसाणा जिला के वडनगर ग्राम में 17 सितंबर 1950 को दोपहर 12:09 बजे हुआ था. पीएम मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की है और उनकी राशि भी वृश्चिक है. सूर्य राशि कन्या और पाश्चात्य राशि भी कन्या है.
पीएम की कुंडली में विश्चिक लग्न कुंडली के लग्न में मंगल और चंद्र बैठे हैं. मंगल और चंद्र की युति को महालक्ष्मी योग कहते हैं. इसी के साथ ही लग्नेश मंगल केंद्र में स्वराशिस्थ होकर 'रूचक' नामक पंच महापुरुष राजयोग बना है. चंद्र मंगल की युति वाला जातक नेता, वकील, डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त करता है. जन्म कुंडली में लग्नेश मंगल नवमेश चंद्रमा के साथ स्थित हैं इसलिए जैसे ही पीएम मोदी की कुंडली में चन्द्रमा की दशा आरंभ हुई, उसके बाद राजनीति में उनकी ताकत बढ़ती गई.
दशम भाव सिंह राशि में शुक्र और शनि की युति है जिसकी दृष्टि चतुर्थ भाव पर है. शुक्र शनि की युति अगर दशम भाव में होती है तो ऐसे लोगों के बारे में कहा जाता है कि उनकी जीवनशैली राजाओं के समान होती है. चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि उन्हें जन-लोकप्रिय नेता बना रही है.
एकादश भाव कन्या राशि में केतु, सूर्य और बुध की युति है. सुख और संपत्ति के भाव एकादश में सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है.
मोदी की कुंडली में चन्द्र नीच राशिस्थ होकर मंगल के साथ युति कारक होने एवं चन्द्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चन्द्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' बन रहा है. इसके साथ ही 'महालक्ष्मी योग' का भी सृजन हुआ है. मोदी की कुंडली में कार्यक्षेत्र का अधिपति सूर्य लाभ भाव में अपने मित्र बुध के साथ स्थित होकर 'बुधादित्य' नामक राजयोग बना रहा है. मोदी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र शत्रुक्षेत्री होकर शनि के साथ युति कारक है एवं इस युति पर गुरु की पूर्ण दृष्टि है.
वर्तमान में उनकी जन्म कुंडली में मंगल की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है. इन दोनों ग्रहों के शुभ प्रभाव से 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं लेकिन जून 2025 से 2026 तक मोदी जी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है. 07दिसम्बर 2027 के बाद उनकी राजनीतिक स्थिति में बदलाव होना प्रारंभ होगा.10 मानसिक कुंडली में विमल नमक विपरीत राजयोग भी बना रहे हैं, तो यह मंगल मोदी को पुनः प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर बिठाने के लिए अति उत्सुक है, लेकिन अंतर्दशा शनि महाराज थोड़ा तेज फंसा रहे हैं.