दिल्ली- कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से अभी तक 300 करोड़ रुपये कैश की गिनती की जा चुकी है। रविवार को भी यह गिनती जारी रही लेकिन अभी भी काफी रकम बची हुई है। सूत्रों का कहना है कि इनकम टैक्स विभाग का अनुमान है कि नोटों की गिनती का सिलसिला सोमवार को खत्म हो सकता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह आंकड़ा 500 करोड़ के पार जा सकता है। नोटों की गिनती के लिए और मशीनें मंगवाई गई हैं। दूसरी ओर जब्त किए गए नोटों को बांधने के लिए भी स्पेशल मशीनें बुलाई गई हैं। कांग्रेस के लिए हालात शर्मिंदगी के बन गए हैं तो दूसरी ओर बीजेपी को भ्रष्टाचार पर हमले का एक और मौका मिल गया है। इनकम टैक्स विभाग की तलाशी में यह नकदी की जब्ती देश में किसी भी जांच एजेंसी की कार्रवाई में अब तक की सबसे अधिक है। नोटों का अंबार कितना है इससे समझ सकते हैं कि गिनती के दौरान कई मशीनें खराब हो गई हैं।
कांग्रेस राज्यसभा सांसद के यहां आयकर छापे में अरबों रुपये के नोटों का अंबार मिला। खबरें आई कि नोट गिनने वाली मशीनें नोट गिनते-गिनते थककर खराब हो गई। थैलों में नोट न आए तो बोरों में भरा गया। मीडियों में नोटों से भरी अलमारियां हैरान-परेशान करती रही हैं कि कोई कैसे इतनी अकूत संपत्ति जुटा लेता है।बहरहाल, नोटों का अंबार ये तो बता देता है कि राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहे कारोबारी राजनेता कितनी आसानी से कम समय में अकूत धन-संपदा जुटा लेते हैं? बताते हैं कि कांग्रेस के जरिये सांसद बनने वाले धीरज साहू ने 2018 में राज्यसभा का सदस्य बनने के हलफनामे में अपनी संपत्ति 34 करोड़ के करीब बतायी थी। तो आखिर कैसे महज पांच साल में संपत्ति तीन सौ करोड़ पार कर गई?
बहरहाल, यह घटना बताती है कि कैसे देश की राजनीति दागियों की कमाई के लिये कामधेनु बन गई है। बताते हैं कि आरोपी राज्यसभा सांसद ने दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गया था। फिर राज्यसभा के जरिये संसद पहुंचने की तिकड़में की। जाहिर है, धनबल भी उसका एक जरिया रहा होगा। ऐसा भी नहीं है कि भारी मात्रा में नकदी बरामदगी की यह पहली घटना हो। अतीत में सुखराम प्रकरण सुर्खियों में रहा। पश्चिम बंगाल में एक शिक्षामंत्री की सहयोगी महिला मित्र के यहां से पचास करोड़ की नकदी व अन्य संपत्ति बरामद हुई थी। कहा गया था कि ये राशि शिक्षा भर्ती घोटाले से जुटाई गई थी। अकसर चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की सख्ती से कई राजनेताओं के यहां से करोड़ों रुपये की बरामदगी की खबरें आती रहती हैं। राजनेता ही नहीं, कई नौकरशाहों के यहां से भारी मात्रा में नकदी व अचल संपत्ति के कागज बरामद होने की भी खबरें सुनी जाती रही हैं। झारखंड में एक महिला आईएएस अधिकारी के यहां से सत्रह करोड़ की नकदी बरामदगी की खबर भी चर्चा में रही है। ये घटनाएं बताती हैं कि जिन राजनेताओं व नौकरशाहों पर सामाजिक न्याय व गरीबों के कल्याण की जवाबदेही थी, कैसे वे कदाचार का सहारा लेकर अपना घर भरने में लग जाते हैं। इन घटनाक्रमों से यह समझना भी कठिन नहीं है कि कैसे हमारे जनप्रतिनिधि चुने जाने के कुछ समय बाद ही करोड़ों में खेलने लगते हैं। यह भी कि हमारे लोकतंत्र में धनबल व भ्रष्टाचार कितने गहरे तक अपनी पैठ बना चुका है।
वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा अमेठी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के परिसर से 'बेहिसाब' नकदी की बरामदगी पर तंज करते हुए शनिवार को कहा भ्रष्टाचार का यह ‘एटीएम' गांधी परिवार में किसका है, इस सवाल के जवाब का इंतजार रहेगा।ईरानी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के गौरीगंज में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य साहू के यहां पड़े आयकर विभाग की छापे का जिक्र करते हुए कहा, "नोट गिनते-गिनते इंसान के साथ-साथ मशीन भी थक गई है लेकिन कांग्रेस के भ्रष्ट नेता के घर से पैसा अब भी बरामद हो रहा है।''केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के 200 करोड़ रुपए कांग्रेस के एक भ्रष्ट सांसद के घर से निकले। यह गांधी खानदान में किसका एटीएम है, इस सवाल के जवाब का इंतजार रहेगा।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस का यह पहला सांसद नहीं है जो भ्रष्टाचार में लिप्त है। आखिर ऐसा क्यों है कि जहां घोटाला है वहीं कांग्रेस का नेता भी है।" कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू की ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी में अब तक 225 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की गई है।
वहीं प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें... जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है।''