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पुलिस की सुस्ती सवालों के घेरे में ! रक्सौल नगर परिषद में पौन 3 करोड़ की घपले की साजिश रचने वाला कहां है ? एक महीना बाद भी मास्टरमाइंड की बात छोड़िए..अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर भी अरेस्ट नहीं

पुलिस की सुस्ती सवालों के घेरे में ! रक्सौल नगर परिषद में पौन 3 करोड़ की घपले की साजिश रचने वाला कहां है ? एक महीना बाद भी मास्टरमाइंड की बात छोड़िए..अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर भी अरेस्ट नहीं

MOTIHARI:  पूर्वी चंपारण के रक्सौल नगर परिषद में बड़े घपले की प्लानिंग का महीना भर हो गय़ा.एक महीना बीतने के बाद भी पुलिस मास्टरमाइंड तक पहुंचने में अब तक विफल रही है. समय बीतने के साथ ही जांच की गति धीमी हो गई. मोतिहारी की साईबर पुलिस पूरी तरह से सुस्त दिखने लगी है. हद तो तब हो गई जब अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर को भी पुलिस पकड़ने में विफल रही. दिखाने को जांच टीम ने रक्सौल नगर परिषद के ईओ व अन्य कर्मियों से पूछताछ की . इसके बाद फिर से पुलिस सुस्त पड़ गई है. बड़ा सवाल यही है कि दो खाताधारकों को गिरफ्तार कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश है..या फिर मास्टरमाइंड तक पुलिस पहुंचेगी ? पुलिस की जांच अगर इतनी ही सुस्त रही तो अब नगर परिषद के बाद पुलिस पर भी सवाल उठने लगेंगे. 

कार्यपालक पदाधिकारी से हुई थी लंबी पूछताछ 

मोतिहारी की साईबर पुलिस ने करीब दो हफ्ते पहले रक्सौल नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से उनके दफ्तर में पूछताछ की थी. जांच टीम ने बंद कमरे में लगभग दो घंटे तक कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव से पूछताछ की. साथ ही कार्यालय के अन्य कर्मियों से भी पूछताछ हुई थी. पूछताछ में क्या मिला पुलिस यह नहीं बता सकी थी. ईओ से पूछताछ के बाद जांच की गाड़ी पूरी तरह से खड़ी हो गई है. केस दर्ज हुए एक महीना से अधिक हो गए, लेकिन आज तक अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर जिसके खिलाफ थाने में केस दर्ज हुआ है उसकी भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी की बात तो छोड़ ही दीजिए. जिस कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ पौने तीन करोड़ की अवैध निकासी की कोशिश का केस दर्ज किया गया, वहां तक पुलिस अब तक नहीं पहुंच पाई है. वैसे अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर इतना बड़े घोटाले की साजिश रचेगा,यह बात किसी के गले के नीचे नहीं उतर रही है.

बता दें, पिछले महीने ही रक्सौल नगर परिषद में सरकार का करोड़ों रू एक झटके में ही साफ करने की प्लानिंग रची गई थी. इस प्लानिंग में सरकारी सेवक जिनके ऊपर अमानत को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी थी, उन्हीं लोगों ने अमानत का खयानत करने की ठानी. खैर..खुलासे के बाद लगभग पौन तीन करोड़ की राशि तो बच गई. लेकिन दफ्तर के जिम्मेदार लोग कटघरे में खड़े हो गए. 

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रक्सौल नगर परिषद में बड़े घोटाले की थी तैयारी  

रक्सौल नगर परिषद के  सरकारी खाता से 23 नवम्बर की मध्य रात्रि पौन तीन करोड़ की अवैध निकासी की कोशिश की गई थी. रात के 12 बजे के आसपास तीन वेंडरों के खाते में इतनी बड़ी राशि भेजने की कोशिश की गई। मामले का खुलसा तब हुआ जब पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी के मोबाइल पर आधी रात  को बड़ी राशि भुगतान का मैसेज आया . इसके बाद उनके होश उड़ गए । पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी ने इसकी सूचना रक्सौल में किसी पूर्व जन प्रतिनिधि को दिया । जिसके बाद फर्जीवाड़े के खेल को आनन फानन में रोका गया ।  26 तारीख को डाटा ऑपरेटर के आवेदन पर साइबर थाना में एक कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार व अन्य पर प्राथमिकी दर्ज कराया गया है । 


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