पटना. भाजपा ने शनिवार को बिहार में एमएलसी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित की है. नेतृत्व ने मंगल पाण्डेय को तीसरी दफे मौका दिया है. वहीं डॉ लाल मोहन गुप्ता और अनामिका सिंह को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. मौजूदा एमएलसी शाहनवाज हुसैन और डॉ. संजय पासवान को पार्टी ने चलता कर दिया. डॉ. लाल मोहन गुप्ता को बिहार भाजपा में भी कम ही लोग जानते हैं. दल के कई विधायकों को भी लाल मोहन गुप्ता के बारे में कोई जानकारी नहीं. अनामिका सिंह की उम्मीदवारी को लेकर भी दल के नेता भौंचक्क हैं. इसी समाज के कई नेता ताकते रह गए और बाजी मार ली गई अनामिका सिंह.
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हैं लाल मोहन गुप्ता
भाजपा ने जिस डॉ. लाल मोहन गुप्ता को विप का उम्मीदवार बनाया है वे मुंगेर जिला से आते हैं. वे मुंगेर भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वर्तमान में जमुई जिला भाजपा के प्रभारी हैं. बताया जाता है कि नित्यानंद राय के अध्यक्षीय कार्यकाल में ये मुंगेर जिलाध्यक्ष बनाए गए थे.बताया जाता है कि लाल मोहन गुप्ता अति पिछड़ा तांती जाति से आते हैं. नेतृत्व की तरफ से जब इनके नाम की घोषणा की गई तब नेताओं ने पता करना शुरू किया कि आखिर ये कहां के हैं. पता करने पर विधायकों को जानकारी हुई कि वे पूर्व जिलाध्यक्ष हैं और मुंगेर के रहने वाले हैं.
मंगल पाण्डेय को लगातार तीसरी बार पार्टी ने एमएलसी बनाने पर मुहर लगाई है. वे पूर्व में बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे चुके हैं. साथ ही बिहार भाजपा के अध्यक्ष के रूप में ही मंगल पाण्डेय ने सेवाएं दी थी. अब उन्हें पार्टी ने एक बार फिर से एमएलसी बनाने का फैसला लिया है. वहीं डॉ लाल मोहन गुप्ता भी लम्बे अरसे से पार्टी के लिए विभिन्न पदों पर काम करते रहे हैं. इस बारपार्टी उन्हें एमएलसी का टिकट देकर विधान परिषद भेजने पर मुहर लगाई है. इसी तरह अनामिका सिंह पार्टी की ओर से महिला उम्मीदवार हैं. भाजपा के लिए महिला प्रकोष्ठ के विभिन्न पदों को संभाल चुकी अनामिका सिंह पहली बार एमएलसी बनने जा रही है. तीनों नामों की घोषणा भाजपा के केंद्रीय कार्यालय द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची में की गई.
बिहार में रिक्त की हो रही एमएलसी की 11 सीटों पर 21 मार्च को चुनाव होना है.बिहार विधानसभा में विधायकों की दलीय स्थिति देखें तो बीजेपी के 78 (कांग्रेस के दो बागी और राजद के 2 बागी विधायक भी बीजेपी के साथ जिससे कुल 82 विधायक भाजपा के होते हैं), जेडीयू के 45, 'हम' के चार और एक निर्दलीय विधायक के वोट हैं. विपक्ष की बात करें तो आरजेडी के पास 74, कांग्रेस के 17, वाम दल के 16 एमएल हैं. जबकि एआईएमआईएम के 1 एमएल हैं. ऐसे में एक एमएलसी सीट जीतने के लिए 21 विधायकों का समर्थन चाहिए. मौजूदा संख्या बल के हिसाब से एनडीए के पास 132 विधायकों का समर्थन है. वहीं विपक्षी खेमे को 107 विधायक महागठबंधन के हैं. संख्या बल के हिसाब से भाजपा के 3, जदयू के 2 और हम के 1 एमएलसी बनेंगे जबकि राजद के चार और वाम दल के एक एमएलसी होंगे.