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कौन है देश का सबसे क्रूर नक्सली प्रमोद मिश्रा?1 करोड़ इनाम रखने का प्लान बना चुकी थी सरकार, आखिर क्या करने आया था यह गया के टिकारी में..कैसे पकड़ा गया

कौन है देश का सबसे क्रूर नक्सली प्रमोद मिश्रा?1 करोड़ इनाम रखने का प्लान बना चुकी थी सरकार, आखिर क्या करने आया था यह गया के टिकारी में..कैसे पकड़ा गया

PATNA : एक नक्सली जिसे पकड़ने के लिए पिछले छह से बिहार के साथ झारखंड पुलिस को तलाश थी, यहां तक कि उसे पकड़वाने को एक करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा करने की तैयारी चल रही थी। लेकिन गया पुलिस ने आखिरकार उसे पकड़ने में सफलता हासिल कर ली। पुलिस ने प्रमोद के साथी अनिल यादव को भी पकड़ा है। दोनों गया के टिकारी प्रखंड के पड़री के जरही टोला अपने रिश्तेदार के यहां आए थे। वहीं से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। 

बेहद खतरनाक है प्रमोद मिश्रा

गया पुलिस ने प्रमोद मिश्रा को 2021 में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले गिरप्तार किया है। लेकिन यह प्रमोद मिश्रा का परिचय है। वह कितना खतरनाक नक्सली था, यह उसके पुराने अपराधिक रिकॉर्ड बताते हैं। विशेष रूप से उसे औरंगबाद जिले में कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम दिया।

औरंगाबाद-गया बॉर्डर पर 10 कोबरा जवानों की हत्या का आरोप

प्रमोद मिश्रा को औरंगाबाद पुलिस भी 22 मामलों में तलाश रही थी। वहीं अनिल यादव को दो मामलों में तलाश रही थी। प्रमोद के खिलाफ मदनपुर थाने में 17 मामले दर्ज हैं। वहीं देव थाने में 4 और अंबा थाने में एक मामला दर्ज है। अनिल यादव के खिलाफ भी ढिबरा और मदनपुर थाने में एक-एक मामला दर्ज है।

औरंगाबाद में उसपर सबसे चर्चित केस साल 2016 में डुमरी नाला का है। यहां सीरियल आईईडी ब्लास्ट में 10 कोबरा जवानों की जान गई थी। इसके अलावा मदनपुर सीआरपीएफ कैंप, प्रखंड कार्यालय और थाना पर हुए हमलों के मामलों में भी प्रमोद मिश्रा का नाम आया था।

प्रमोद और अनिल को औरंगाबाद पुलिस भी रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है। एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि दोनों नक्सलियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

2017 में सबूतों के अभाव में छूटा

ऐसा नहीं है कि प्रमोद मिश्रा की इससे पहले कभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। 2008 में गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन प्रमोद मिश्रा को 2017 में सबूत के अभाव में रिहा कर दिया गया था। तब से वह अचानक से फरार हो गया था। देश के दक्षिणी राज्यों में सक्रिय हो गया था। इसके घर और रिश्तेदारों के घरों पर लगातार सुरक्षा एजेंसियों की छापेमारी होते रही है।

एक करोड़ के इनाम का प्रस्ताव

प्रमोद मिश्रा देशभर के सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गया था। वह माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा नाम है। वर्षों तक वह जेल में रहा। जेल से छूटने के बाद अचानक गायब हो गया था। वह 2004 से पोलित ब्यूरो का सदस्य है। देश के विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारी इसके कंधे पर थी। झारखंड सरकार ने 1 करोड़ रुपए का इनाम रखने का प्रस्ताव सुरक्षा एजेंसियों को दिया था।

हरियाणा, पंजाब, कश्मीर में भी था सक्रिय

नक्सली समूह माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया में मिश्रा को पार्टी के अंदर सोहन दा, शुक्ला जी, कन्हैया, जगन भरत, नूर बाबा, बीवी जी, अग्नि, और बाण बिहार के नाम से जाना जाता है। इसे दिल्ली संचालन का भी प्रभारी बनाया गया था। प्रमोद मिश्रा हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों में आंदोलन को सक्रिय करने में काफी मदद की थी।

इस तरह आया पुलिस की पकड़ में

इधर, एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि बीते दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव टिकारी अनुमंडल के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में घूमकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। दोनों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम (गया पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी ) का गठन किया गया। दोनों गिरफ्तार नक्सली कई मामलों में शामिल रहे हैं।

गया में की चार लोगों की हत्या

14 नवंबर 2021 को डुमरिया के मोनबार जंगल से सटे इलाके में रहने वाले सरयू सिंह भोक्ता के घर हमला किया गया था। सरयू सिंह भोक्ता के दोनों बेटे सतेंद्र और महेंद्र और उनकी पत्नी मनोरमा देवी और सुनीता की हत्या कर दी थी। इसके बाद चारों शवों को फंदे पर लटका दिया। फिर बम से घर भी उड़ा दिया। वारदात के बाद नक्सलियों ने घर के बाहर एक पर्चा भी चिपकाया था। इसमें बदला लेने के लिए इस परिवार के सदस्यों की हत्या की बात कही गई थी। इस हत्या में कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और उसके साथी आरोपी हैं।


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