दिल्ली- चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है.जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.इसके अलावा महाराष्ट्र और झारखंड में भी इसी साल चुनाव होने हैं, हालांकि अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. इसी बीच मैट्रिज सर्वेक्षण एजेंसी द्वारा किए गए और शुक्रवार को टाइम्स नाउ द्वारा प्रसारित एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, अगर आज विधानसभा चुनाव होते हैं तो हरियाणा, झारखंड या महाराष्ट्र में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करने की स्थिति में नहीं है. सर्वे से पता चलता है कि इस समय मुकाबला काफी कड़ा है. एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं है.
जम्मू-कश्मीर में किसकी बनेगी सरकार
जम्मू-कश्मीर में सर्वे के अनुसार अगर आज जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव हुए तो महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को एक सीट मिलने की संभावना है. सर्वे के अनुसार, हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीतने वाली पीडीपी कुल पांच में से एक सीट जीत सकती है. पार्टी को एक सीट पर बढ़त मिल सकती है, जो एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती है.यहां बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है.
हरियाणा में कड़ी टक्कर
सर्वे के अनुसार हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कड़ी टक्कर होती दिख रही है. एनडीए को 37 से 42 सीटें, कांग्रेस को 33 से 38 सीटें, जेजेपी को 3 से 8 सीटें और अन्य दलों को 7 से 12 सीटें मिलने की संभावना है.सर्वे में हरियाणा की जनता ने बताया कि सूबे में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. सर्वे के अनुसार 44 फीसदी नाखुश सरकार के काम से नाखुश हैं, जबकि 27 फीसदी लोग सरकार के काम से खुस हैं, वही मात्र 22 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के काम से संतुष्ट हैं. सर्वे के अनुसार बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव में 44 सीटें मिलने का अनुमान है.
मतों के मामले में हरियाणा में भाजपा प्लस को 35.2 प्रतिशत, कांग्रेस को 31.6 प्रतिशत, जेजेपी: 12.4 प्रतिशत और अन्य को 20.8 प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है.
महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन का फायदा
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए सर्वे में लोगों ने सरकार, मुख्यमंत्री, सांसदों और विधायकों के कामकाज पर अपनी राय दी है. ओपिनियन पोल के अनुसार, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवारों की सूची में एकनाथ शिंदे सबसे आगे हैं. सर्वेक्षण में शामिल 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उन्हें बतौर मुख्यमंत्री पसंद किया. सर्वे में शामिल 23 प्रतिशत लोगों ने उद्धव ठाकरे का, 21 प्रतिशत ने देवेंद्र फडणवीस और 9 प्रतिशत लोगों ने शरद पवार का समर्थन किया. शेष 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अन्य उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी.
मतों के संदर्भ में सर्वे में भाजपा को 25.8, शिवसेना को 14.2, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 5.2 प्रतिशत मिलने का अनुमान है. जबकि कांग्रेस को 18.6, शिवसेना-यूबीटी को 17.6, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 6.2 और अन्य को 12.4 प्रतिशत मत मिलने की बात कही गई है.
झारखंड में चौकाने वाले आंकड़े
झारखंड सर्वे किया गया . सर्वे में 1 लाख 36 हजार 463 लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे के नतीजों से पता चला है कि 27 फीसदी लोग झारखंड सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 37 फीसदी लोग नाखुश हैं. 34 फीसदी लोगों ने कुछ हद तक संतुष्ट बताया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बात करें तो 25 फीसदी लोग उनके काम से खुश हैं. 35 फीसदी लोग उनके काम से नाखुश हैं. 30 फीसदी लोगों ने कुछ हद तक संतुष्ट बताया. सर्वे में लोगों से विपक्ष के प्रदर्शन के बारे में भी पूछा गया। केवल 14 फीसदी लोग ही विपक्ष के प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आए. 30फीसदी लोग विपक्ष से असंतुष्ट और 17 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
किसी भी एक पार्टी को अपने दम पर बहुमत हासिल करने का अनुमान नहीं है, लेकिन भाजपा को थोड़ा बढ़त है. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में जेएमएम को 19 से 24 सीटें, कांग्रेस को 7 से 12 सीटें, भाजपा को 38 से 43 सीटें, एजेएसयूपी को 2 से 7 सीटें और अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने की उम्मीद है. झारखंड में बाबूलाल मरांडी 41 प्रतिशत के साथ मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे पसंदीदा विकल्प हैं. सीएम हेमंत सोरेन 32 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं. अर्जुन मुंडा को 9 प्रतिशत, चंपई सोरेन को 5 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है.