PATNA: बिहार के राजनीतिक गलियारे में चौबीस घंटे के हाईलेवल ड्रामे के बाद सब कुछ शांत हो गया. मंगलवार दोपहर से बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर जो गर्माहट थी वो बुधवार को क्लाईमेक्स पर जाकर नरम पड़ गया. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने सदन से लेकर सडक तक आंदोलन किया. फिर सत्ता पक्ष व विस स्पीकर ने विपक्ष को सेफ रास्ता दिया. इस तरह से भाजपा सदस्यों की सदन में वापसी हुई।
माइक तोड़ने पर स्पीकर ने भाजपा विधायक को किया था सस्पेंड
मंगलवार को बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र रौशन ने सवाल पूछने के दौरान गुस्से में आकर माइक तोड़ दिया था. सत्ता पक्ष ने इस पर भारी विरोध जताया. राजद-माले विधायक वेल में पहुंच गए. फिर बीजेपी की तरफ से भी कड़ा प्रतिकार किया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायक सत्यदेव राम की तरफ से अपशब्दों का प्रयोग किया गया है. नेता प्रतिपक्ष ने अपने विधायक का बचाव करते हुए कहा कि माइक तोड़ा नहीं गया था. विवाद बढ़ता देख सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने स्पीकर से माइक तोड़ने वाले वाले विधायक पर कार्रवाई की सिफारिश कर दी. इसके बाद स्पीकर ने आरोपी विधायक को सदन में खेद प्रकट करने को कहा. भाजपा की तरफ से इस पर विरोध दर्ज किया गया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अपशब्दों का प्रयोग करने वाले माले विधायक सदन में खेद व्यक्त करें. स्पीकर ने भाजपा की मांग को खारिज कर दिया. साथ ही सदन में खेद प्रकट नहीं करने वाले भाजपा विधायक लखेन्द्र रौश को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया . अपने विधायक के निलंबन के बाद भाजपाई आक्रोशित हो गए। स्पीकर के फैसले पर विरोध जताते हुए बीजेपी के सभी सदस्य सदन से वाक आउट कर गए. फिर विस पोर्टिको के बाहर धरना पर बैठ गए। मंगलवार शाम तक विपक्षी विधायक धरने पर बैठे रहे. इस दौरान स्पीकर को विस से आवास निकलने में भारी मशक्कत करनी पड़ी थी.
भाजपा विधायकों ने किया राजभवन मार्च
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा विधायक एक बार फिर से पोर्टिको में धरना पर बैठ गए। इस दौरान सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे. सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई संसदीय कार्य मंत्री ने आग्रह किया कि विपक्ष के बिना सदन सूना है. लिहाजा स्पीकर उन्हें वापस लाने की पहल करें. इधर, विपक्षी विधायकों का आंदोलन और तेज हो गया. फिर भाजपा विधायकों ने राजभवन मार्च किया और राज्यपाल से मिलकर सरकार और स्पीकर की शिकायत की.
फिर बीजेपी और माले विधायकों खेद जताया
सत्ता पक्ष की तरफ से विपक्ष को मनाने की पहल की गई। फिर तय हुआ कि निलंबित विधायक लखेन्द्र पासवान और माले विधायक भी सदन में अपनी बात रखें और खेद व्यक्त करें. भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्थिति बदली दिखी. तय कार्यक्रम के तहत विपक्षी सदस्य सदन पहुंचे. इसके बाद भाजपा के निलंबित विधायक लखेन्द्र पासवान ने सदन में अपनी बात रखी . सदन की भावना का ख्याल रखते हुए बीजेपी विधायक लखेन्द्र पासवान ने माइक तोड़ने की घटना पर खेद व्यक्त किया. इसके बाद स्पीकर ने माले विधायक सत्यदेव राम को अपनी बात रखने को कहा. माले विधायक ने कहा कि हमने किसी तरह के अपशब्द का प्रयोग नहीं किया है. फिर भी सदन की भावना का ख्याल रख हम खेद व्यक्त करते हैं. इस तरह से न सिर्फ बीजेपी बल्कि सत्ताधारी माले विधायक को भी सदन में खेद जताना पड़ा. इस तरह से 24 घंटे तक चले गतिरोध को खत्म किया गया.