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मौत का दूसरा नाम कहे जाने वाला मोसाद क्यों हुआ फेल? हमास की इतनी बड़ी साजिश से क्यों बेखबर था इजरायल... पढ़िए इनसाइड स्टोरी

मौत का दूसरा नाम कहे जाने वाला मोसाद क्यों हुआ फेल? हमास की इतनी बड़ी साजिश से क्यों बेखबर था इजरायल... पढ़िए इनसाइड स्टोरी

मोसाद... दुनिया की सबसे खतनाक खुफिया एजेंसी के बारे में कहा जाता है कि वह ना तो अपने दुश्मनों को भूलती है और न हीं किसी को माफ करती हैं. दुनिया की सबसे खतरनाक इजरायल की खुफिया एजेंसी के बारे में  माना जाता है कि उसके पास जासूसी की ऐसी अद्यतन तकनीक हैं जिससे कोई भी खुफिया बात उससे छिपी ही नहीं रह सकती है. जिस मोसाद को मौत  का दूसरा नाम माना जाता है  उसी इजरायल के खुफिया विभाग मोसाद की नाक के नीचे हमास ने इतना बड़ा हमला कर दिया और पूरा खुफिया तंत्र बगले झांकता रहा. इजराइल पर हुए सदी के सबसे बड़े हमले के बाद उसके खुफिया तंत्र के साथ मोसाद पर सवाल खड़े हो रहे हैं.सवाल उठ भी रहे है कि आखिर कहां मोसाद से चूक हुई. मोसाद को इतने बड़े हमले की भनक क्यों नहीं लगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के दक्षिणी हिस्सों में गाजा पट्टी में शासित हमास की ओर से शनिवार सुबह किया गया हमला इजराइली खुफिया एजेंसियों की जबरदस्त विफलता का नतीजा माना जा रहा है.

बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि दुनिया में जो सीक्रेट डिप्लोमेसी होती है, मोसाद उसका जनक है. आप किसी एजेंसी से उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि यह रहस्यों को उजागर करे, लेकिन मोसाद ऐसी एजेंसी है जो एक देश के रहस्य दूसरे देशों तक पहुंचाने का काम भी करती है. इतना ही नहीं, इसके एजेंटों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मोनिका लेविंस्की के साथ बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था और इनके सहारे बिल क्लिंटन तक को ब्लैकमेल किया था. यह सब तब हुआ था जबकि किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक अमेरिकी राष्ट्रपति के उसकी व्हाइट हाउस इंटर्न से सेक्स संबंध भी हो सकते हैं.

हमास का हमला गाजा पट्टी से शुरू हुआ. यहां से ही मिसाइल दागी गई. फिर जमीन, समुद्री इलाकों से हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसपैठ की. हमास के आतंकवादियों ने वाहनों, नावों और मोटर चालित पैराग्लाइडरों में यात्रा की. उन्होंने गाजा के सुरक्षा अवरोध को तोड़ दिया और आसपास के इजरायली कस्बों और सैन्य चौकियों पर हमला किया, निवासियों और राहगीरों पर गोलियां चलाईं. रॉकेट और मिसाइल से बचने के लिए इजरायल ने आयरन डोम नाम का एक रक्षा कवच बना रखा है, जो मिसाइल हमलों को इजरायल में घुसने से रोक देता है. इज़राइल और गाजा के बीच सीमा बाड़ पर कैमरे, अत्याधुनिक सेंसर और नियमित सेना गश्त है.हमास के कुछ उग्रवादियों ने तारों में छेद करके इजराइल में प्रवेश किया. कई अन्य लोग पैराग्लाइडर का उपयोग करके समुद्र और हवाई मार्ग से प्रवेश कर गए. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिखाया गया है कि कई नकाबपोश बंदूकधारियों को गाजा सीमा के करीब इजरायली शहर सडेरोट में एक पिकअप ट्रक में घूमते देखा गया था.हमास ने शनिवार को कई इजरायलियों को बंदी बनाए जाने की तस्वीरें जारी कीं और इजरायली सेना के अनुसार अगवा किए गए सैनिक और नागरिक हैं. सेना के प्रवक्ता का कहना है कि यह हमास द्वारा किया गया एक युद्ध अपराध है और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

कहा जाता है कि इज़राइल के पास फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों और लेबनान और सीरिया में जासूस हैं. शनिवार को, इज़राइल की खुफिया जानकारी और सुरक्षा को धोखा दिया गया, क्योंकि हमास ने ठीक उसकी नाक के नीचे एक सुनियोजित हमला किया.हमास की ओर से इजराइल पर अचानक हुए हमले से इजराइल को संभलने तक का मौका नहीं मिला. इजराइली सेना के अनुसार हमास के आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजराइल में 3000 से अधिक रॉकेट ताबड़तोड़ दागे. हमास के सैकड़ों लड़ाके हवाई, जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए. हमला शुरू होने के कई घंटे बाद भी कई इजराइली इलाकों में गोलीबारी कर रहे थे. हमास के इस हमले ने इजराइल को चौंका दिया है. समाचार के अनुसार इजराइल में सैनिकों सहित कम से कम 350 लोग मारे गए हैं और 1,900 से अधिक घायल हुए हैं. वहीं गाजा पट्टी की ओर इजराइल के जवाबी हमले में लगभग 300 लोगों की मौत हुई और लगभग 1500 लोग घायल हुए हैं. वहीं सुरक्षा विशेषज्ञ और केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के प्रो कुलदीप के अनुसार इजराइल, ईरान का मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही निकट स्थित क्षेत्र की अनदेखी कर दी. जिसका परिणाम है हमास का इजरायल पर हमला.

इजरायली रक्षा बलों  ने मान लिया था कि इजरायल की मजबूत प्रतिक्रिया और गाजा में होने वाली संभावित तबाही के डर से हमास डर गया है और वह इजरायल के भीतर बड़े हमले नहीं कर पाएगा. हालांकि, यह स्पष्ट हो चुका है कि यह धारणा गलत थी. इजरायली नौसेना के पूर्व प्रमुख एली मैरोन ने एक टीवी चैनल से कहा कि पूरा इजरायल खुद से पूछ रहा है इजरायली रक्षा बल आज कहां है, पुलिस कहां है, सुरक्षा कहां है? यह एक बहुत बड़ी विफलता है. हमास ने एक दिन में इतने बड़े हमले को अंजाम नहीं दिया है. इससे पहले उसने मुखबिरी की होगी और कई इनपुट जुटाए होंगे, ड्रोन जमा किए होंगे, हथियारों की सप्लाई कराई होगी, बावजूद इसके इजरायल के खुफिया तंत्रों का सोए रहना आश्चर्यचकित करने वाला कदम है. हमास का अटैक मोसाद और इजरायली रक्षा बल की विपलता मानी जा रही है. देखना होगा आने वाले दिनों में और कितनी तबाही होती है. 

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