केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसदों का कोटा बहाल करने से केंद्र सरकार ने क्यों किया इंकार,जानिए

केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए खत्म किए गए सांसदों के कोटा बहाल करने से इनकार किया है. शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि संसद सदस्यों के कोटे सहित विशेष उपबंधों के तहत केंद्रीय विद्यालयों में प्रति सेक्शन 40 से ज्यादा छात्रों को प्रवेश दिया गया. इससे कक्षाओं में छात्र-शिक्षक अनुपात ज्यादा हो गया और इसका पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा था

 शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने  कहा कि सरकार सांसदों का कोटा बहाल करने पर विचार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में भी वांछित परिणाम हासिल करने के लिए मूलभूत स्तर पर एक स्वस्थ छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखना जरूरी है.केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने  लिखित सवाल के जवाब में कही.उन्होंने कहा कि संसद कोटे के बहाल करने के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है राज्यमंत्री ने कहा  केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए संसद सदस्यों के लिए कोटे को बहाल करने के लिए वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.

बता दें केंद्रीय विद्यालय संगठन, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन ऑटोनोमस बॉडी है. केंद्रीय विद्यालय संगठन यानी KVS, सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटिड स्कूल हैं. जो भारत के कोने- कोने में हैं. भारत में पहला केंद्रीय विद्यालय में 1963 में खोला गया था. इन स्कूलों में पहली क्लास से लेकर 12 वीं क्लास तक की पढ़ाई होती है. इन स्कूलों में स्टूडेंट हिंदी या अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं. केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 8वीं तक के सभी छात्रों से कोई फीस नहीं ली जाती. 

केंद्रीय विद्यालय में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को नामांकन में प्राथमिकता दिया जाता है. ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता रक्षा, अर्धसैनिक बलों में काम करते हैं,  जिनका ट्रांसफर अलग-अलग जगहों पर होता रहता है उन्हें भी यहां प्राथमिकता दिया जाता है.