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अंग्रेजी भाषा से क्यों चिढ़ते हैं नीतीश ! बीजेपी ने कहा- सीएम की आपत्ति बिल्कुल बेहूदा हरकत, किसानों की समस्या को तरजीह नहीं देते

अंग्रेजी भाषा से क्यों चिढ़ते हैं नीतीश ! बीजेपी ने कहा- सीएम की आपत्ति बिल्कुल बेहूदा हरकत, किसानों की समस्या को तरजीह नहीं देते

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अंग्रेजी बोलने वाले किसान को मंच पर टोकने से राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. किसान समागम के दौरान जब लखीसराय के एक किसान ने अपने संबोधन में अंग्रेजी के कुछ शब्दों का उपयोग किया तो मंच पर मौजूद सीएम नीतीश बिफर गए. उन्होंने किसान को टोकते हुए कहा कि आप हिंदी में क्यों नहीं बोल रहे. नीतीश की आपत्ति के बाद किसान ने मंच से ही ‘सॉरी’ भी बोल दिया. 

अंग्रेजी को लेकर सीएम नीतीश द्वारा जताई गई आपत्ति पर अब भाजपा मुखर हो गई है. बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, सीएम नीतीशजी को अंग्रेजी भाषा से चिढ़ है या फिर दलित- पिछड़ों- किसानों- गरीबों के अंग्रेजी बोलने से चिढ़ है? सार्वजनिक संबोधन में अंग्रेजी शब्दों के प्रयोग पर सीएम की आपत्ति बिल्कुल बेहूदा हरकत है. नीतीशजी दिवास्वप्न के जुनून में बहदवास होकर हिस्टीरिया से ग्रसित हो गए लगते हैं. 

वहीं भाजपा प्रवक्ता डॉ रामसागर सिंह ने भी नीतीश के अंग्रेजी विरोधी रवैये पर सवाल किया. उन्होंने इसे नीतीश की किसान विरोधी सोच करार दिया. रामसागर ने कहा, आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी मंच से अंग्रेजी बोलने वाले को शायद यह पता था की फतुहा-मोकामा -बड़हिया टाल योजना को वहां के किसानों ने दर्जनों बार आपको समझाया. लेकिन आप और आपके अधिकारी नहीं समझ पाए तो सोचा होगा कि नीतीश अंग्रेजी में बातों को समझ जाएं तो किसानों का कल्याण हो जाएगा. किसानों की बातों को तो आप न तो समझने की कोशिश करते हैं और ना तो उनकी समस्याओं के समाधान में रुचि रहती है. आप तो वही अंग्रेजी में समझाने वाले पदाधिकारियों की ही सुनते एवं गुनते हैं. 

दरअसल, नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा किसानों की समस्या को उठाकर ही शुरू हुई थी. सन 1980 के दशक में उन्होंने मोकामा टाल के किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए राजनीतिक पहल की थी. बाद में 1989 से 2004 तक उसी इलाके से सांसद रहे. वहीं 2005 से मुख्यमंत्री हैं. बावजूद इसके टाल के इलाके में अब तक व्यवधान बना हुआ है. इसी कारण डॉ रामसागर ने नीतीश को किसान विरोधी करार दिया है. नीतीश को किसानों की बातों को नहीं समझने वाला कहा है. 


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