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भाजपा के लिए पांचवें चरण का मतदान क्यों माना जा रहा ‘भाग्यशाली’, चुनावी आंकड़े क्या दे रहे गवाही, जान लीजिए...

भाजपा के लिए पांचवें चरण का मतदान क्यों माना जा रहा ‘भाग्यशाली’, चुनावी आंकड़े क्या दे रहे गवाही, जान लीजिए...

दिल्ली- देशभर में लोकतंत्र के महापर्व के लिए पांच चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है.  पांचवें चरण में आठ राज्यों की 49 सीटों पर सोमवार को मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.  चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में  पांचवें फेज में भारतीय जनता पार्टी ने करीब 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था.भाजपा ने 32 सीटों पर अपना परचम लहराया था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीचेपी ने लगभग इतनी ही सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे और उसे 27 सीटों पर सफलता मिली थी. 

साल 2009 के बाद भाजपा ने  पांचवें चरण में अपनी कामयाबी का दायरा लगातार बढ़ाया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार  साल 2009 में कांग्रेस पार्टी 49 सीटों में से केवल 14 सीटों पर कामयाबी मिली थी. साल 2014 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस को महज दो सीट पर संतोष करना पड़ा. साल 2019 में कांग्र की हालत और पतली हो गई और एक सीट से हीं संतोष करना पड़ा. 

.साल 2019 में  बिहार की पांच सीटों पर हुए  मतदान में से सभी सीटों पर एनडीए ने कब्जा कर लिया था. उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण की जिन सीटों पर मतदान हुए उनमें से  13 सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई थी. झारखंड की तीनों लोकसभा सीटों पर साल 2014 में सभी सीटें भाजपा ने  जीता था.

महाराष्ट्र में 13 सीटों पर पांचवे फेज में मतदान हुआ . साल 2019 में इन सीटों पर एनडीए ने ही कब्जा किया था. तो प. बंगाल की सात सीटों पर मतदान हुआ. साल 2019 के  चुनाव में टीएमसी के खाते में चार सीटें गई थीं और भाजपा को तीन सीटे मिली थीं. यहीं कारण है कि  भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार पांचवें चरण को अपने लिए मजबूत सुरक्षा कवच मान रहे हैं. 

पांचवें चरण के मतदान के पिछले आंकड़ों के अनुसार दो चुनाव में यह चरण भाजपा  के लिए खासा मजबूत रहा है. हालाकि हर चुनाव में  स्थिति परिवर्तित होते रहती है  लेकिन भाजपा अपने कामकाज के आधार पर जनता से समर्थन मांग कर पिछली बार के आकड़ों को से आगे बढ़ने की जुगत में है. वहीं इंडी गठबंधन मजबूती के साथ सियासी मैदान में भाजपा के सामने ताल ठोक रहा है. बहरहाल अब 4 जून को फैसले का इंतजार है.


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