पटना- बिपार्ड गया में प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों से हुए व्यवहार का माला तूल पकड़ने लगा है. बिपार्ड गया में प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों के साथ हुए दुर्व्यवहार और लंबित मांगों के समर्थन में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने बैठक में कर कहा कि बिपार्ड में ट्रेनिंग के दौरान चिकित्सकों को उचित अवासीय, भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित होने के बाद ही अगले बैच को भेजा जाए. भाषा का कहना है कि सातवें बैच के प्रशिक्षकों में 12 चिकित्सकों पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. कार्य अवधि के निर्धारण और आवासीय सुविधा के बिना बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए चिकित्सकों को बाध्य नहीं किया जाए. भाषा ने मांग की है कि सेवारत चिकित्सकों को पीजी और डीएनबी में सीट आरक्षित किया जाए.
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने सरकार से मांग की है कि पति-पत्नी की एक जगह ही पोस्टिंग की जाए.और डीएसीपी, नियमित प्रोन्नति सुनिश्चित किया जाए. संघ ने सरकार को आगाह किया है कि अगर 12 अगस्त तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कार्य बहिष्कार और ओपीडी बंदी सहित अन्य कठोर निर्णय लेने पर वे बाध्य होगें.
वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ की सभी मांगों का समर्थन किया है. संघ के अध्यक्ष डॉ श्याम नारायण प्रसाद, वरीय उपाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार, राज्य सचिव डॉ अशोक कुमार, एक्शन कमेटि के संयोजक डॉ अजय कुमार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा गया है. पत्र में कहा गया है कि बिपार्ड गया में प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों से हुआ व्यवहार निंदनीय है. उसके विरोध में भासा ने 18-19 को ओपीडी से कार्य बहिष्कार की मांग की है. 20 अगस्त को होने वाली बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया जाएगा.
मरीजों को इलाज कराने में खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है. 18 और 19 अगस्त को ओपीडी में काम नहीं करने की भाषा की धमकी के बाद सरकार का क्या रुख रहता है देखने वाली बात है.क्योंकि डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से मरिजो त्राहिमाम करेंगे,इसमें कोई संदेह नहीं है.