पीएम मोदी के हनुमान चिराग आगे बढ़ाएंगे पिता की राजनीतिक पूँजी? लालू की सियासत पर भारी पड़ेगी रामविलास की राजनीतिक विरासत!.... बिहार की राजनीति के नए 'गेम चेंजर' होंगे पासवान?

पीएम मोदी के हनुमान चिराग आगे बढ़ाएंगे पिता की राजनीतिक पूँज

पटना: चिराग अपने को पीएम मोदी का हनुमान कहते हैं. तो पीएम मोदी भी  कई बार सार्वजनिक मंच से चिराग पासवान की प्रशंसा कर चुके हैं. पीएम मोदी ने एक सार्वजनिक मंच से रामविलास पासवान की तारीफ की तो  चिराग और उनकी मां रीना देवी ने  पीएम मोदी का आभार व्यक्त करने लगे. पीएम मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि चिराग ने राम विलास पासवान का बेटा होने के बावजूद कभी अहंकार नहीं किया है, एक सांसद के रूप में सीखने की हमेशा इच्छा दिखाई. हाजीपुर लोकसभा  क्षेत्र पर उनके पिता का वर्चस्व रहा है. रामविलास पासवान यहां से 9 बार सांसद रहे.

एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग  को अपने चाचा और हाजीपुर के वर्तमान सांसद पशुपति कुमार पारस को एनडीए में शामिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी. दोनों के बीच विवाद ने एलजेपी को विभाजित कर दिया था. अब, हाजीपुर जीतकर अपने पिता की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का मौका आया है.  चिराग ने कहा था कि उन्हें अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी महसूस होती है. उन्होंने कहा कि सबसे बढ़कर, मुझे हाजीपुर के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना है, जो चार दशकों से अधिक समय तक मेरे पिता का पर्याय रहा है.

हाजीपुर बिहार की छह सीटों में से एक है जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. यहां 21 फिसदी दलित आबादी है.  हाजीपुर के साढ़े उन्नीस  लाख मतदाताओं में से  तीन लाख पासवान हैं और लगभग दो-दो लाख यादव और मुस्लिम हैं.राजपूतों और भूमिहारों की आबादी एक लाख है. स्थानीय वोटरों का कहना है कि मोदी जी बहुत कुछ दिए हैं, मुफ्त राशन मिलता है.

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं विपक्षी दल के महागठबंधन ने राष्ट्रीय जनता दल  के नेता शिवचंद्र राम को प्रत्याशी बनाया है. इस क्षेत्र में मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधन के बीच ही माना जा रहा है. 19.53 लाख से ज्यादा मतदाताओं वाले हाजीपुर संसदीय क्षेत्र में हाजीपुर, लालगंज, महुआ, राजापाकर, राघोपुर तथा महनार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. हाजीपुर संसदीय क्षेत्र 1952 में सारण सह चंपारण संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था. वर्ष 1957 में यह क्षेत्र अस्तित्व में आया था. सवाल है कि क्या मोदी के हनुमान चिराग पासवान लालू की सियासत पर भारी पड़ेंगे, क्या वे रामविलास की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे.