NEW DELHI : सोमवार को लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार एनडीए के सीटों के बंटवारे की घोषणा हुई, जिसमें आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को भी काराकाट सीट दी गई। जिसको लेकर यह खबर सामने आई कि वह इससे खुश नहीं है और गठबंधन से अलग हो सकते हैं। लेकिन अब खुद उपेंद्र कुशवाहा ने इस पूरे मामले में अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह एनडीए में बने रहेंगे।
विनोद तावड़े से मिलने के बाद बदला इरादा
दरअसल, जैसे ही यह खबर सामने आई की एक सीट मिलने के कारण उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं। ऐसे में उनकी नाराजगी दूर करने के लिए आज बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। जहां दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर जो गलतफहमियां थी,वह भी अब खत्म हो गई है।
किस शर्त पर बनी बात?
इस तस्वीर और सोशल मीडिया पर लिखे पोस्ट से उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कर दिया है कि उनकी कहीं कोई नाराजगी नहीं है. सूत्रों के मुताबिक एक लोकसभा सीट और एक विधान परिषद की सीट देने पर सहमति बनी है. इसी शर्त पर कुशवाहा माने हैं। बताया जा रहा है कि विधान परिषद में रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता जाने से एक सीट खाली हुई है। उस पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उम्मीदवार विधान परिषद जाएंगे। साथ ही उनके एमएलसी को बिहार कैबिनेट में भी शामिल किया जाएगा।
कुशवाहा ने की पुष्टि
उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पर बिहार बीजेपी के प्रभारी विनोद तावड़े के साथ तस्वीर शेयर की. उन्होंने लिखा, "आज मेरे दिल्ली आवास पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार प्रभारी श्री विनोद तावड़े जी से मुलाकात हुई. हमने बिहार की सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में एनडीए की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर चर्चा की