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RWD में काम कम लूट ज्यादा! इंजीनियरों के सैकड़ों पद खाली....जो हैं उनमें कई 'रिश्वत' के पैसे से अर्जित की अकूत दौलत

RWD में काम कम लूट ज्यादा! इंजीनियरों के सैकड़ों पद खाली....जो हैं उनमें कई 'रिश्वत' के पैसे से अर्जित की अकूत दौलत

PATNA: बिहार के इंजीनियर जनता के पैसे को लूटकर अपनी तिजोरी भर रहे हैं। दो दिन पहले जब एक भ्रष्ट इंजीनियर के ठिकानों पर छापेमारी हुई तो 5.32 करोड़ रू नकद मिले थे। बिहार के इंतिहास में पहली दफे किसी अफसर के यहां इतनी बड़ी रकम मिली है. निगरानी ब्यूरो ने जब शनिवार को एक रिश्वतखोर इंजीनियर के यहां रेड किया तो आंखे फटी रह गई। नोट गिनने के लिए 4-4 मशीने लगाई गई। नोटों की गड्डी को पलंग के अंदर भरकर रखा गया था। बताया जाता है कि ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात इंजीनियर आज की तारीख में सबसे अधिक लूट रहे हैं। इस विभाग में इंजीनियरों की भारी कमी है. इस वजह से एक-एक इंजीनियर कई जगहों के प्रभार में होते हैं. साथ ही इन पर निगरानी भी नहीं होती। लिहाजा इस विभाग में तैनात इंजीनियर धनकुबेर बनते जा रहे हैं. 

बिहार में अजीब हालात

ग्रामीण कार्य विभाग में इंजीनियरों की काफी कमी है। बिना इंजीनियर के ही नीतीश सरकार सड़कों का निर्माण-मेंटेनेन्स करा रही है। हाल के दिनों में छोटे स्तर पर जुनियर और सहायक अभियंताओं की भर्ती की गई है,इसके बाद भी बड़े स्तर पर इजीनियरों का पद खाली हैं। आप समझ सकते हैं कि विभाग में इंजीनियर ही नहीं तो काम किस से होता होगा. बिना निगरानी के ही ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने 2020 में जानकारी दी गई थी कि विभाग में बड़े स्तर पर इंजीनियर के पद खाली हैं। आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने विभाग से जानकारी मांगी थी। विभाग की तरफ से अगस्त 2020 को जानकारी उपलब्ध कराई गई थी. बताया गया था कि विभाग में इंजीनियरों का कुल स्वीकृत बल-775 है, जिस में कार्यरत 376 जबकि  रिक्ति 399 है. इनमें से अभियंता प्रमुख का स्वीकृत बल-1 रिक्ति 1, मुख्य अभियंता- 4 कार्यरत-2,रिक्ति-2, अधीक्षण अभियंता स्वीकृत- 30, कार्यरत-15 और रिक्ति 15, कार्यपालक अभियंता स्वीकृत  बल-177 कार्यरत्त- 112 और रिक्ति 65 है। बताया जाता है कि बिहार में प्रोन्नत्ति का काम बाधित रहने से भी ऊपर के पद खाली हैं. विभाग में इंजीनियरों की कम संख्या की वजह से एक-एक इंजीनियर को कई प्रभार दिया जा रहा। इस वजह से सड़कों की निगरानी नहीं हो पा रही,साथ ही निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त नहीं हो पा रहा। एक-एक इंजीनियर का कई जगहों के प्रभार में रहने से कमाई कई गुणा बढ़ गया है। भ्रष्ट इंजीनियर सरकार के पैसे से अपनी तिजोरी भर रहे हैं। 

काम कम लूट ज्यादा- आरटीआई एक्टिविस्ट

बिहार के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय कहते हैं कि हैंड्स के कमी से बिहार के हर विभाग में केवल ऑफिस वर्क हो रहा है। अगर स्थल पर अभियन्ता नहीं जायेंगे तो वर्क मापी कैसे सही होगी? ग्रामीण कार्य विभाग में जब इंजीनियरों के इतने पद खाली रहेंगे तो काम कम लूट  ज्यादा होगी! इस लूट में विभाग के बड़े अधिकारी की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.  अगर निष्पक्ष जांच हो तो पूरी सरकार बेनकाब हो जायेगी। वे बताते हैं कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए पैसा केंद्र सरकार देती है,अगर केंद्र इस विभाग में व्याप्त गड़बड़ी की जांच करे सिस्टम बेनकाब होगा। 

कार्यपालक अभियंता के ठिकानों पर मिले हैं 5.32 करोड़ नकद 

शनिवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में  निगरानी ब्यूरो ने ग्रामीण कार्य विभाग के किशनगंज में तैनात कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय के खिलाफ कार्रवाई की थी। छापेमारी में अकूत खजाना का पता चला है. अब तक की छापेमारी में 5 करोड़ 32 लाख 38000 रुपए बरामद किए गए हैं. इंजीनियर की जो संपत्ति बरामद की गई है. उसमें पटना के बेली रोड में आराधना एनक्लेव में पत्नी के नाम से लिए गए 22 लाख 72 हजार के फ्लैट, पटना सिटी में 45 लाख 94 हजार की जमीन के कागजात, पटना सिटी में ही 40 लाख के जमीन के कागजात, पटना सिटी के बैरातपुर में 18 लाख 75 हजार के जमीन के कागजात, पूर्णिया में 29 लाख 11 हजार के जमीन के कागजात, पूर्णिया के उजियारपुर में 14 लाख 18 हजार के जमीन के कागजात, जिनकी कुल कीमत एक करोड़ 76 लाख 71 हजार रूपये बताई जा रही है. वहीं इंजीनियर के नाम से एसबीआई में 8 लाख, पत्नी के नाम पर एसबीआई में 9.5 लाख, इंडियन बैंक में 5 लाख, पत्नी उषा राय एवं स्वयं के नाम पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 3 लाख 35 हजार, एचडीएफसी बैंक में 6 लाख 15 हजार, एक गाड़ी जिसकी कीमत 12 लाख रुपए हैं वो भी बरामद हुई है.

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