70 साल की जिस उम्र में लोग लाठियों का सहारा लेकर चलते हैं। उस उम्र में बगहा के गांधीनगर के बुजुर्ग हरिहर सहनी अपने बिहार राज्य तो क्या बिहार के बाहर के राज्यों में 65 वर्ष से 75 वर्ष के उम्र के हाफ मैराथन में प्रथम स्थान पाकर बगहा सहित बिहार का नाम रौशन कर रहे हैं। अभी 27 नवम्बर को बिहार की राजधानी पटना में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा आयोजित 21 किलोमीटर हाफ मैराथन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
इसके पहले हरिहर सहनी चंडीगढ़ में 2 अक्टूबर एवं 24 अक्टूबर को आयोजित 21 किलोमीटर के हाफ मैराथन की दौड़ में पहला एवं दूसरा स्थान तथा 16 एवं 30 अक्टूबर को देहरादून में 65 वर्ष से 70 वर्ष के उम्र के लोगों के बीच आयोजित 21 किलोमीटर के हाफ मैराथन में भी पहला स्थान पा चुके हैं। 18 दिसम्बर को कलकत्ता में राज्य सरकार द्वारा आयोजित 21 किलोमीटर के आयोजित होने वाले हाफ मैराथन में शामिल होने वाले हैं। हरिहर सहनी बताते हैं की वे आज भी सुबह में कम से कम 20 किलोमीटर का दौड़ लगाते हैं। वे अब तक 15 मेडल प्राप्त कर चुके हैं तथा 2023 के अंत तक मेडलों का शतक लगाने की चाहत है।
हालांकि हरिहर जी मूल रूप से नगर के गांधीनगर के रहने वाले हैं। लेकिन ये फिलहाल चंडीगढ़ में अपने बेटों के पास रहते हैं। जो भारत सरकार में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। और वे चंडीगढ़ से हीं सभी राज्यो में जाकर मैराथन में भाग लेते हैं। वे बताते हैं कि किसी भी सरकार द्वारा उन्हें आने जाने का खर्च नहीं मिलता है। सभी खर्च उनके दोनो बेटे वहन करते हैं। उनकी इच्छा है की वे जब तक जियें चलते फिरते और दौड़ते रहें। लाठी की आवश्यकता न पड़े।