KAIMUR : कैमूर जिले के मोहनिया थाना क्षेत्र के भीट्टी गांव का सतीश सिंह 7 अगस्त को अमेठी जिला के गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर ग्रुप सी के पद पर ड्यूटी करने के लिए ज्वाइन किया और 23 अगस्त को उसकी डेड बॉडी इलाहाबाद जिले में रेलवे ट्रैक पर मिला. 18 अगस्त को सुबह में परिवार वालों से उसकी बात भी हुई.
लेकिन 18 अगस्त को ही रात में उसके घर वालों के नंबर पर उसका एक साथी फोन कर कहता है कि सतीश अभी आया नहीं है. क्या वह घर चला गया. उसके बाद परिवार वाले बेचैन हो गए और लगातार वहां पर संपर्क करने लगे. काफी खोजबीन के बाद जब उसका कुछ पता नहीं चला तो 5 दिन के बाद परिवार वालों के पास मैसेज आया की क्षत-विक्षत शव इलाहाबाद की ट्रैक पर मिला है, जिसके पैकेट में पड़े आधार कार्ड से उसकी पहचान सतीश कुमार सिंह के रूप में हुई है. परिवार वाले घटनास्थल पर पहुंचे जहां शव के पोस्टमार्टम के बाद परिवार वालों ने डेड बॉडी का दाह संस्कार कर दिया.
परिजन बताते हैं परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. उसके बावजूद हमने बच्चों को कर्ज लेकर के पढ़ाया. 2019 में इसने ग्रुप डी की नौकरी ज्वाइन किया था. उसी समय ग्रुप सी का एग्जाम दिया था. एक साल बाद ग्रुप सी का रिजल्ट आया. जिसमें 7 अगस्त को वह अमेठी जिला के गौरीगंज में ज्वाइन किया था. 18 अगस्त को उसके लापता होने की सूचना मिली. 10 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि उसकी मौत हो गई हम लोगों का अंदेशा है कि उसके साथ रहने वाले कर्मचारियों ने उसे मार कर फेंक दिया.
पूर्व जिला पार्षद गीता पासी ने आरोप लगाया है कि जीआरपी और आरपीएफ अवैध उगाही कर रहे होंगे. इस लड़के ने देख लिया होगा और मना किया होगा. जिसके बाद उन लोगों ने रणनीति के तहत मार कर फेंक दिया. इस पूरे घटनाक्रम की सीबीआई जांच होनी चाहिए. क्योंकि यह मोहनिया प्रखंड की दूसरी घटना है. इसके पहले भी टीटीइ और आरपीएफ द्वारा एक युवक को चलती ट्रेन से फेंक कर मार डाला गया था. जिसमें मामला तूल पकड़ा था तो उन लोगों के ऊपर एफ आई आर दर्ज करके जेल भेजा गया था. इस मामले में भी जीआरपीएफ,आरपीएफ और उसके साथी दोषी हैं. हमलोग चाहते हैं इस घटना का CBI जांच हो तो अपराध साबित हो जाएगा. हम लोगों को न्याय चाहिए.
कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट