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बिहार के किसान ने आठ फीट की लौकी का नाम रखा 'नरेंद्र शिवानी', जानें क्या है इस अनोखे सब्जी की खासियत

BIHAR FARMER - गरीब और मध्यम वर्ग की सब्जी माने जानेवाली लौकी के साथ भी प्रयोग शुरू हो गए हैं। रोहतास जिले के एक किसान अपने खेत में आठ फीट की लौकी उपजा रहे हैं। अपने लौकी को उन्होंने 'नरेंद्र शिवानी नाम दिया है। जो खाने में भी बेहद मीठा है।

बिहार के किसान ने आठ फीट की लौकी का नाम रखा 'नरेंद्र शिवानी', जानें क्या है इस अनोखे सब्जी की खासियत
आठ फीट की लौकी उपजाता है किसान- फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA - बिहार में खेती आय का प्रमुख साधन है। यहां की बड़ी आबादी खेती किसानी से जुड़े हैं। इनमें कुछ अपनी खेती के कारण चर्चा में रहते हैं। ऐसे ही एक किसान हैं, रोहतास जिले के करमैंनी गांव के किसान विजय कुमार सिंह, जो अपने खेत में आठ फीट लंबी लौकी को उगाते हैं। उनकी उगाई लौकी न केवल लंबाई में अनोखी है, बल्कि इसका स्वाद और पौष्टिकता भी इसे बाजार में विशेष लोकप्रिय बना रहे हैं। अपनी लौकी की खेती के कारण विजय कुमार सिंह क्षेत्र में चर्चित हो चुके हैं। 

लौकी को दिया 'नरेंद्र शिवानी नाम

विजय कुमार सिंह ने अपने लौकी को ‘नरेंद्र शिवानी‘ नाम दिया है। विजय कुमार कहते हैं कि इस लौकी का स्वाद अन्य लौकियों की तुलना में बेहतर और मीठा होता है, जिससे यह खाने में बेहद पसंद की जाती है। साथ ही इसका जूस पीने से पेट की समस्याओं से राहत मिलती है और पाचन तंत्र भी बेहतर रहता है। 

55 दिनों में फल आने शुरू

विजय कुमार बताते हैं कि इस पौधे से करीब 55 दिनों में फल आना शुरू हो जाते हैं और एक पौधा लगभग 50-55 लौकियां देता है। हालांकि, औसतन इन लौकियों की लंबाई 5 फीट तक होती है, लेकिन कुछ फल 8 फीट की लंबाई तक पहुंच जाते हैं. विजय ने इस फसल में जैविक खाद का उपयोग किया है, जिससे लौकी का प्राकृतिक स्वाद बरकरार रहता है.

बाजार में भेजना मुश्किल

विजय कुमार अपनी लौकियों को बाजार में नहीं बेच पाते, जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उनका कहना था कि लौकियों की लंबाई अधिक होने के कारण उन्हें बाजार तक पहुंचाना मुश्किल होता है. इसलिए वे अपने खेत से ही इन लौकियों को सीधे थोक में ग्राहकों को बेच देते हैं। जैविक खेती से उपजाने के कारण बाजार के लौकियों की तुलना में इसका स्वाद ज्यादा बेहतर होता है। 


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